मारवाड़ी पुस्तकालय में काव्य गोष्ठी सह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम संपन्न

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गुवाहाटी I श्री मारवाड़ी हिंदी पुस्तकालय के तत्वावधान में एक काव्य गोष्ठी सह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन रविवार को किया गया। विनोद रिंगानिया की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि, कथाकार रविकांत ‘नीरज’ तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में कवि व अनुवादक किशोर जैन उपस्थित थे। संयुक्त सचिव लक्ष्मीपत बैद एवं संतोष बैद द्वारा दोनों अतिथियों का फुलाम गमोछा से स्वागत किया गया। श्री रिंगानिया ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कविता साहित्य की सबसे उच्चतर विधा है और इसमें शब्दों के विशेष विन्यास से सौंदर्य उत्पन्न होता है।

कार्यक्रम में गुवाहाटी कॉमर्स कॉलेज के असमिया विभाग की प्राध्यापिका डॉ रूपा डेका पाटर की 40 चयनित कविताओं का संग्रह ‘कब तक अपने आप से दूर भागोगी’ के हिंदी संस्करण का विमोचन किया गया। अंशु सारडा ने पुस्तक के बारे में व्याख्या करते हुए कहा कि कवयित्री अपनी कविताओं के माध्यम से वृहत्तर सामाजिक संदर्भों से सरोकार रखती हैं। किशोर जैन ने कहा कि अनुवाद एक जटिल प्रक्रिया है। अनुवाद करते हुए कविताओं की मूल भावनाओं को यथावत रखने का प्रयास किया गया है। कवयित्री डॉ डेका पाटर ने कहा की कविताओं में उनकी सोच, उनकी संवेदनाओं, उनकी अनुभूतियों को पाठक महसूस कर पाएंगे।

इसके बाद कार्यक्रम के दूसरे चरण में कवयित्री पुष्पा सोनी के सफल संचालन में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने विभिन्न विषयों पर अपनी कविताएं पढ़ी। काव्य गोष्ठी में कंचन शर्मा ‘कोशिका’, हेमलता तोदी, प्रेम कुमार, विनीता मूंदड़ा, रतन अग्रवाल, कनकलता जैन, सुरेंद्र सिंह, प्रज्ञा माया शर्मा, रंजूश्री बर्मन, ललित झा, सौमित्रम, प्रतिभा शर्मा, रीता हरलालका, मालविका मेधी और किशोर जैन ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि रविकांत ‘नीरज’ ने अपने संबोधन में कहा कि मनोरंजन के लिए लिखी जाने वाली कविताएं कभी भी साहित्य नहीं हो सकतीं जब तक कि कविताओं में सामाजिक सरोकार न हो। लिखना वह है, जो हृदय को स्वीकार हो। कार्यक्रम में मारवाड़ी सम्मेलन, कामरूप शाखा के पदाधिकारियों द्वारा श्री मारवाड़ी हिंदी पुस्तकालय को एक कंप्यूटर प्रदान किया गया जिसकी सभी ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में सचिव सिद्धार्थ नवलगढ़िया ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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