ममता कुलकर्णी काे महामंडलेश्वर पद से हटाया गया: किन्नर अखाड़े ने सिर नहीं मुंडाने पर लिया एक्शन, जानें पूरा मामला

थर्ड आई न्यूज

प्रयागराज I प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़े के अंदर ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद विवाद बढ़ गया है। शुक्रवार(31 जनवरी) को अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने उन्हें इस पद से हटा दिया। इसके पीछे मुख्य वजह उनका सिर मुंडवाने से इनकार करना बताया जा रहा है। अजय दास ने न केवल ममता को हटाया, बल्कि किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। उनका कहना है कि अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर की घोषणा होगी।

महाकुंभ में ममता कुलकर्णी ने ली थी दीक्षा :
कुछ दिनों पहले ही अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास की घोषणा की थी। आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने संगम में पिंडदान कराने के बाद उनका पट्टाभिषेक किया और उन्हें नया नाम ‘श्री यमाई ममता नंद गिरि’ दिया गया। लक्ष्मी नारायण का कहना था कि ममता पिछले डेढ़ साल से उनके संपर्क में थीं और वे संन्यासी जीवन अपनाना चाहती थीं। इससे पहले वे जुना अखाड़े में भी रहीं, लेकिन गुरु के निधन के बाद वे दिशाहीन महसूस कर रही थीं। इसी कारण उन्होंने किन्नर अखाड़े से जुड़ने का फैसला किया।

अखाड़े के संस्थापक को नहीं थी जानकारी :
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने कहा कि उन्हें बिना जानकारी दिए ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बना दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने एक देशद्रोह के आरोपी को अखाड़े में शामिल किया, जो नीतियों के खिलाफ है। इसी कारण उन्होंने लक्ष्मी नारायण को भी अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। उनका कहना है कि 2017 में ही लक्ष्मी नारायण को अखाड़े से निकाल दिया गया था, लेकिन वे अब खुद को संस्थापक बता रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और नए महामंडलेश्वर की नियुक्ति होगी।

महामंडलेश्वर बनाए जाने पर संत नाराज :
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से ही संत समाज में असंतोष था। कई संतों ने इसका खुलकर विरोध किया। योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जो लोग कल तक भौतिक सुखों में लिप्त थे, वे अचानक एक दिन में संन्यासी बन गए। अखाड़े के कुछ संतों ने भी इस फैसले को परंपराओं के खिलाफ बताया था। वहीं, अजय दास ने कहा कि किन्नर अखाड़े की नीतियों के अनुसार किसी महिला को महामंडलेश्वर नहीं बनाया जा सकता।

ममता कुलकर्णी बना चुकी हैं बॉलीवुड से दूरी :
ममता कुलकर्णी ने बॉलीवुड से अचानक दूरी बनाने के बाद सन्यास ले लिया था। उन्होंने बताया कि 1996 में उनकी रुचि अध्यात्म में बढ़ी और गगन गिरी महाराज के संपर्क में आने के बाद वे तपस्या में लीन हो गईं। 2000 से 2012 तक उन्होंने ब्रह्मचर्य का पालन किया और इस दौरान वे दुबई में रहीं। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड ने उन्हें पहचान दी, लेकिन अब वह संन्यासी जीवन में पूरी तरह समर्पित हैं। हालांकि, अब उनके महामंडलेश्वर पद से हटाए जाने के बाद उनकी आध्यात्मिक यात्रा पर सवाल उठने लगे हैं।

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