Operation Brahma: यूपी से म्यांमार जाएंगे फील्ड अस्पताल के 118 चिकित्साकर्मी; ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत मदद

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। ऑपरेशन ब्रह्मा पर विदेश मंत्रालय ने बताया कि म्यांमार में भारत के राजदूत राहत और बचाव कार्यों का बेहतर समन्वय करने के लिए फिलहाल नेपीता में हैं। सरकार के मुताबिक भारतीय समुदाय के किसी सदस्य के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं मिली है। बता दें कि म्यांमार में भूकंप के कारण अब तक एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऑपरेशन ब्रह्मा की शुरुआत के मकसद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि संकट के समय सबसे पहले मदद करना भारत की विदेश नीति का हिस्सा है।

‘हमने पहले भी म्यांमार की सबसे पहले मदद की’ :
वहीं भारत के तमाम ऑपरेशन की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि, ‘भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है। जब चक्रवात यागी ने म्यांमार पर कहर बरपाया था, उस समय भी भारत ने अभियान चलाया था। हमने म्यांमार के लोगों को राहत, सामग्री, मानवीय सहायता प्रदान की, न केवल म्यांमार के लोगों को बल्कि कई अन्य देशों को भी जो इससे प्रभावित हुए थे। सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश बनना हमारी नीति का हिस्सा है’।

‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम रखने का विशेष उद्देश्य :
उन्होंने आगे कहा, ‘आज हमने ऑपरेशन ब्रह्मा की शुरुआत की है। ब्रह्मा सृजन के देवता हैं, ऐसे समय में जब हम म्यांमार सरकार और म्यांमार के लोगों को तबाही के बाद अपने देश के पुनर्निर्माण में मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। ऑपरेशन के इस विशेष नाम का एक विशेष अर्थ है। 15 टन राहत सामग्री लेकर पहला विमान हिंडन एयरफोर्स बेस से सुबह करीब 3 बजे उड़ा। यह सुबह करीब 8 बजे भारतीय समयानुसार यांगून पहुंचा। हमारे राजदूत राहत सामग्री लेने के लिए वहां मौजूद थे और उसके बाद उन्होंने इसे यांगून के मुख्यमंत्री को सौंप दिया… उसके बाद, खोज और बचाव कर्मियों और उपकरणों के साथ-साथ कुत्तों के साथ दो विमान रवाना हुए। उनमें से एक रवाना हो चुका है और दूसरा रवाना होने की प्रक्रिया में है’।

‘हम म्यांमार की सरकार और लोगों के साथ खड़े हैं’ :
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि, ‘कल म्यांमार में भीषण भूकंप आया। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। म्यांमार में आई त्रासदी के तुरंत बाद हमारे प्रधानमंत्री ने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं और कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में म्यांमार के लोगों और म्यांमार सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है… आज प्रधानमंत्री ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की। उन्होंने लोगों और भारत सरकार की ओर से जानमाल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने यह भी बताया कि हम म्यांमार की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता में खड़े हैं और हम इस आपदा से निपटने के लिए राहत, बचाव और जो भी सहायता आवश्यक होगी, उसे प्रदान करने की पूरी कोशिश करेंगे’।

‘विनाशकारी भूकंप में भारतीय नागरिक हताहत नहीं’ :
म्यांमार को भेजी गई राहत सामग्री के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि, ‘आज सुबह एक विमान ने उड़ान भरी और फिर दो और विमान खोज और बचाव दल के साथ-साथ अन्य आवश्यक आपूर्ति लेकर उड़ान भरेंगे और फिर शाम को दो और विमान उड़ान भरेंगे, जब फील्ड अस्पताल को एयरलिफ्ट किया जाएगा, जिससे फिलहाल विमानों की संख्या पांच हो जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि, ‘म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में भारतीय नागरिकों में से कोई हताहत नहीं हुआ है।’

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