PM Modi को हटाना चाहते हैं ट्रंप? क्या है असल मकसद, अब शुरू होगा असली खेल

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी साजिश शुरू हो गई है। कई लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री रहते हुए भी मोदी को हटाने की खूब कोशिशें हुईं। लेकिन जब से वो प्रधानमंत्री बने हैं तब से ये कोशिशें और तेज हो गई हैं। अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि इस षड़यंत्र में कई देश शामिल हो गए हैं। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि जिस तरह से डीप स्टेट ने बांग्लादेश में शेख हसीना को हटाया था। उसी तरह से एक बार फिर पीएम मोदी को हटाने के लिए डीप स्टेट ने एक बार फिर पूरी जान लगा दी है। डीप स्टेट यानी जिसमें सीआईए शामिल है। इसमें वो विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं जो भारत के बाजारों पर कब्जा करना चाहती हैं। निश्चित रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हो सकते हैं। इन सभी का मकसद है कि मोदी को जाना होगा।

दुनिया में कहीं भी नहीं चाहिए मजबूत नेतृत्व :
लाल बहादुर शास्त्री की मौत, होमी जहांगीर भाभा की मौत, 1975 में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या, 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या, राजीव गांधी की मौत और वर्तमान में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के पीछे डीप स्टेट का हाथ है। पाकिस्तान के बनने के बाद से पहली बार हुआ जब आईएसआई का चीफ जेल में है। ये अमेरिका के डीप स्टेट की ताकत है। जानकार बताते हैं कि ये केवल भारत की बात नहीं है। उन्हें दुनिया में कहीं भी राष्ट्रवादी सरकार नहीं चाहिए। कोई मजबूत या ऐसा लीडर नहीं चाहिए जिसे वे मैन्युप्लेट न कर सके।

140 करोड़ वाले भारतीय बाजार पर कब्जा करना मकसद :
कहा तो ये भी जाता है कि अमेरिका में कोई भी राष्ट्रपति हो वो डीप स्टेट के इशारे पर ही काम करता है। बाइडेन के समय में भी डीप स्टेट ने भारत पर कई हमले किए। लेकिन इस बार भारत को उम्मीद थी कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में वापस आएंगे तो भारत और अमेरिका के रिश्ते नई ऊंचाईयों पर पहुंचेंगे। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही अपना रंग दिखा दिया। मामला तब बिगड़ा जब अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनियों ने ट्रंप पर दबाव बनाया कि उन्हें 140 करोड़ वाले भारतीय बाजार पर कब्जा करना है। डेयरी प्रोडक्ट से लेकर हथियार बेचने हैं।

पीएम मोदी को हटाकर क्या मिलेगा?
खतरा इतना बड़ा है कि कुछ समय पहले पीएम मोदी ने कहा था कि मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। लेकिन सवाल है कि डीप स्टेट को पीएम मोदी को हटाकर क्या मिलेगा? डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी के पीछे हाथ धोकर क्यों पीछे पड़ गए हैं। भारत की ही विपक्षी पार्टियों ने डोनाल्ड ट्रंप की भाषा बोलनी क्यों शुरू कर दी है। इन सबमें सबसे बड़ा सवाल कि क्या भारत में भी बांग्लादेश जैसा बड़ा बवाल खड़ा होने वाला है? ये बात तो किसी से छुपी नहीं है कि डीप स्टेट भारत को आर्थिक, सामरिक, व्यापारिक, सैन्य रूप से बढ़ता हुआ नहीं देख सकता। ये चाहते हैं कि भारत के बाजारों पर अमेरिकी कंपनियों का कब्जा हो।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद ट्रंप और डीप स्टेट की हालत खराब हुई :
लेकिन जब पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अपने लोगों, किसानों और राष्ट्रहितों को ध्यान रखते हुए हम उतना ही व्यापार करेंगे जितना हमारे लिए लाभकारी है। इसने डीप स्टेट को हिला कर रख दिया। लेकिन असली मामला तब पलटा जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ। जिस तरह से भारत ने पाकिस्तान में घुसकर तबाही मचाई। पाकिस्तान को अमेरिका की गोद से निकालकर मारा। पाकिस्तान में खड़े अमेरिकी एफ 16 को नुकसान पहुंचाया। उसने ट्रंप और डीप स्टेट की हालत खराब कर दी। उसी के बाद से अमेरिका की तरफ से बड़ा षड़यंत्र शुरू हो गया।

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