‘हर मुसलमान को बता रहे बांग्लादेशी’, महमूद मदनी बेदखली अभियान को लेकर हिमंत विश्व शर्मा पर बरसे

थर्ड आई न्यूज
नई दिल्ली I असम में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ चल रहे निष्कासन अभियान का जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने समर्थन किया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि कोई भी विदेशी या बांग्लादेशी नागरिक भारत में नहीं रहना चाहिए। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की जमकर आलोचना की और कहा कि वह हर मुस्लिम को बांग्लादेशी के रूप में पेश कर रहे हैं। मदनी ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘कोई भी बांग्लादेशी, विदेशी भारत में नहीं रहना चाहिए। वह (हिंमत) हर मुस्लिम को बांग्लादेशी के रूप में पेश कर रहे हैं। वह मुझे बांग्लादेश भेजने की बात कर रहे हैं, जो उनकी मानसिकता को दर्शाता है। शर्मा दावा करते हैं कि वह हीरो हैं और मैं जीरो हूं।’
महमूद मदनी ने कहा कि असम में चुनाव से पहले जबरन निष्कासन किया जा रहा है और इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने असम सरकार को घेरते हुए कहा कि वह बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। मदनी ने कहा, ‘असम में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है और चुनाव नजदीक आने के कारण जबरन निष्कासन हो रहा है। वे (असम सरकार) नहीं चाहते कि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार पर सवाल उठें और असल मुद्दों से ध्यान हटाना चाहते हैं। वे इसे किसी विशेष समुदाय का मुद्दा बनाना चाहते हैं।’
राजनीतिक भाषा पर भी जताई चिंता :
जमीयत अध्यक्ष मदनी ने मौजूदा समय में राजनीतिक भाषा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे अभी अहम नहीं हैं और यहां तक कि प्रधानमंत्री भी इस पर ध्यान नहीं देते। हम सभी को संयम बरतना चाहिए। इससे पहले, मदनी ने असम का दौरा किया और सरकार के तरीकों के खिलाफ बोलते हुए उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक बताया। उन्होंने कहा, ‘राज्य में निष्कासन अभियान चलाया जा रहा है। जिस तरह से इसे किया जा रहा है, उसे देखकर दुख होता है। अगर आप वहां जाकर इसको देखें तो आपको दुख होगा। मुझे विशेष रूप से दुख हुआ, क्योंकि समुदाय और देश एक व्यवस्था के तहत बनते हैं। अगर कुछ भी व्यवस्था का उल्लंघन करके किया जाता है, अगर इसे नजरअंदाज किया जाता है और रौंदा जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक है।’