Trade: यूएस से सामान्य हो रहे रिश्ते…फिर भी भारत व्यापारिक रिश्तों को लेकर सतर्क, विशेषज्ञ भी दे रहे ये सलाह

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I तल्खी के बाद भारत-अमेरिकी द्विपक्षीय व्यापार समझौता वार्ता का पटरी पर लौटना। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जन्म दिवस पर शुभकामना देने के बहाने पीएम मोदी को फोन करना। व्यापार वार्ता में समूचे कृषि एवं डेयरी क्षेत्र को खोलने की मांग की जगह सीमित मांग रखना। बीते तीन-चार माह की तनातनी के बाद अमेरिका के रुख में लगातार नरमी तो आ रही है, मगर अतीत के अनुभवों के कारण भारत न सिर्फ सतर्क है, बल्कि बीटीए पर अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने में जल्दबाजी नहीं कर रहा है।

भारत चाहता है कि किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले माहौल को सामान्य बनाने के लिए अमेरिका उस पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को वापस ले। भारत ने टैरिफ विवाद में मौन कूटनीति को जारी रखने का भी संदेश दिया है। कूटनीतिक विशेषज्ञ भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा, अभी कोई तार्किक नतीजा नहीं निकला है।

बीटीए पर लंबी बातचीत को तैयार भारत :
सरकारी सूत्र ने कहा कि यह ठीक है कि ठंडी पड़ी द्विपक्षीय वार्ता पटरी पर लौटी है। अमेरिका और भारत के मुख्य वार्ताकारों के बीच मंगलवार को अपेक्षाकृत संतोषजनक बातचीत के तत्काल बाद मोदी-ट्रंप का फोन कॉल भी कटुता को कम करने में अमेरिका के बदले और सकारात्मक रुख की ओर इशारा है। हालांकि बीटीए में कई अहम मुद्दों को सुलझाने के लिए लंबी बातचीत और धैर्य की जरूरत है। सबसे ज्यादा जटिल जुर्माने के रूप में लगाया गया अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ है। भारत चाहता है कि बेहतर माहौल और समन्वय केलिए अमेरिका इसे वापस ले। हालांकि बीटीए को साल के अंत के पहले अंतिम रूप दिया जाना संभव नहीं है।

पुराने रुख पर अड़े रहने का बार-बार दिया संदेश :
ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका की ओर से टैरिफ वॉर शुरू करने के बाद भारत ने शांत रह कर अपने पुराने रुख पर लगातार अड़े रहने का संदेश दिया। मसलन तीन माह पूर्व ट्रंप से फोन वार्ता में पीएम मोदी ने युद्धविराम के लिए अमेरिकी भूमिका सिरे से खारिज की। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन में सहयोग से दूरी बनाई। चीन की तर्ज पर अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने के बदले उसे अपने लिए गंभीरता से नया बाजार ढूंढ़ने का संदेश दिया। रूस से संबंध कायम रखने के साथ चीन से संबंध सुधारने का इशारा किया। अमेरिकी कृषि-डेयरी क्षेत्र को खोलने की मांग को खुद पीएम ने बिना किसी का नाम लिए सख्ती से खारिज किया। उन्होंने ट्रंप के भारत की अर्थव्यवस्था को मृत बताने का भी कोई सीधा जवाब नहीं दिया।

फोन कॉल व ट्वीट में बदला अंदाज :
मोदी-ट्रंप के बीच हुई बातचीत और इसके बाद सोशल मीडिया पर दोनों ही ओर से किए गए पोस्ट में कुछ बातें गौर करने लायक थी। मसलन राष्ट्रपति ट्रंप ने पहली बार अपने पोस्ट में पीएम मोदी के नाम के पहले शब्द नरेंद्र का प्रयोग किया। ट्रंप ऐसा सिर्फ इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और पुतिन के लिए करते हैं। ट्रंप ने पहले की तरह पीएम मोदी के लिए मित्र शब्द का प्रयोग किया। हालांकि, पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में ट्रंप को मित्र की जगह राष्ट्रपति शब्द का इस्तेमाल किया। फोन के बाद पीएम मोदी ने ट्रंप से पहले इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिये दी।

हमें अभी और इंतजार करने की जरूरत :
कूटनीतिक विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने पीएम मोदी व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच सीधी बातचीत को अच्छी खबर बताया है। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ 50 फीसदी टैरिफ लगा कर अमेरिका ने आर्थिक युद्ध की घोषणा की थी। इससे तेजी से मजबूत होती जा रही भारत-अमेरिका की साझेदारी ठंडी पड़ गई। अब अमेरिका के रुख में नरमी दिख रही है, लेकिन अभी हमें और इंतजार करने की जरूरत है।

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