महावीर धर्मस्थल में ‘मां कामाख्या साधना शिखिर’ का शुभारंभ, कामाख्या की धरा पर सम्पूर्ण सृष्टि का होता है कल्याण : नन्दकिशोर श्रीमाली

थर्ड आई न्यूज़

गुवाहाटी, 11 अक्टूबर। फैंसी बाजार स्थित महावीर धर्मस्थल में शनिवार से दो दिवसीय ‘मां कामाख्या साधना शिखिर’ का शुभारंभ गुरुदेव नंदकिशार श्रीमाली के सान्निध्य में हुआ। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देशभर से गरुदेव के अनुयायी हिस्सा लेने के लिए गुवाहाटी पहुंचे। ‘मां कामाख्या साधना शिखिर’ के प्रथम दिन भक्तों को व्यासपीठ से प्रवचन देते हुए नंदकिशार श्रीमाली मां कामाख्या की भूमि साधना व तंत्र की भूमि है, यहां हमारा मिलना सौभाग्य की बात है। सब प्रकार के तंत्र में शक्ति की श्रेष्ठता का दर्शन ही मूल रूप से विद्यमान होता है। शास्त्रों के अनुसार योनि ही परम बह्म है, जिससे सृष्टि का उद्गम होता है। इसलिए ही चौरासी लाख योनियों में मानव योनि को सर्वश्रेष्ठ माना व बताया गया है। जगत जननी मां कामाख्या साक्षात योनि स्वरुपा यहां शक्तिपीठ कामाख्या के रूप में विराजमान हैं। जिनके स्पर्श व दर्शन मात्र से सिर्फ मानव का ही नहीं बल्कि संपूर्ण सृष्टि का कल्याण होता है।

गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने आगे कहा कि मां कामाख्या तंत्र हमारे अंदर विकासित होना चाहिए। जिससे हम सबके जीवन में सुख व शांति स्थापित हो, सबके जीवन की बाधाएं दूर हो और सबका कल्याण हो। उन्होंने आगे कहा कि मां कामाख्या शक्ति के रूप में सभी प्राणियों में विद्यमान रहती हैं। शक्ति ही स्त्री है। क्योंकि स्त्री शक्ति ही जननी व जन्मदात्री होती है। अर्थात स्त्री ही सृष्टि की आधारशिला है। सृष्टि के संचालन हेतु शक्ति (स्त्री) पीड़ा को झेलती है और इसके सहयोग से थे सृष्टि का चक्र चलता है। संभवतः इसी कारण पुरुष समाज स्त्री शक्ति से भयभीत होकर ही उसे अंधविश्वासों, अज्ञानताओं व रुढियों की बेड़ियों में जकड़ने का कुचक्र रचता आया है। इसलिए शक्ति को स्वतन्त्र करने पर ही सृष्टि की रचना, पालन व कल्याण सम्भव है।

गुरुदेव ने आगे कहा कि जो (देवता) योनि से प्रकट नहीं होता है वह कामना रहित होता है। अतएव देवताओं की कामना मनुष्यों के सुख की चिन्ता करना होता है और इसलिए मनुष्य योनि चौरासी लाख योनियों में श्रेष्ठ कही गई है, जो देवताओं को भी दुर्लभ है।

इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार उत्तर प्रदेश, शाखा-आजमगढ़ के अध्यक्ष बाबू फौजदार सिंह, असम के प्रसिद्ध उद्योगपति प्रभुदयाल सियोटिया, पूर्व मंत्री शंभू नाथ सिंह, शिक्षक नेता नरेंद्र सिंह, राधेश्याम तिवारी, दिनेश कुमार मिश्रा, राजबहादुर सिंह, दयाशंकर उपाध्याय, राम मिलन सिंह, दिवाकर सिंह, डॉ. प्रमोद मिश्रा, श्रीमती मीरा मिश्रा, सीबी सिंह (चंद्रभान सिंह चंदगी), रमाशंकर यादव, विंध्याचल पाण्डेय, रामू राम आर्या, सिद्धेश्वर शर्मा, जितेंद्र मौर्या, हरेन्द्र यादव, मनोजकुमार सिंह, मनोज चौबे, रमाशंकर यादव, राजेंद्र प्रताप सिंह, रवींद्र सिंह, विनय कुमार, पवन कुमार सिंह रिंकू, सुरेश सिंह, राजेंद्र सिंह सेंगर, उदय सिंह, शिवम वाजपेयी, मुन्ना पांडेय, गजराज सिंह, अभय कुमार वर्मा सहित अनेकों लोग उपस्थित रहे । उन्होंने गुरुजी को माल्यार्पण कर स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। ग़ौरतलब है कि दो दिवसीय ‘मां कामाख्या साधना शिखिर’ का समापन रविवार को होगा।

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