अयोध्या: सेना ने किया राम मंदिर में ध्वजारोहण का ट्रायल, दिसंबर तक पूरी तरह से खुल जाएगा परिसर

थर्ड आई न्यूज

अयोध्या I राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां तेज हो गई हैं। ध्वजारोहण के लिए लगातार ट्रायल हो रहा है। सोमवार व मंगलवार को सेना के जवानों ने राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की मौजूदगी में ध्वजारोहण का ट्रायल किया। राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से फहराया जाने वाला ध्वज पैराशूट के कपड़े का हो सकता है, अभी इस पर मंथन चल रहा है।

राम मंदिर भवन निर्माण समिति की बैठक में मंगलवार को ध्वजारोहण समारोह की तैयारी पर चर्चा की गई। बैठक से पहले निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि ध्वजारोहण के लिए लगातार ट्रायल चल रहा है और आगे भी जारी रहेगा। सेना की टीम ट्रायल में लगी हुई है। सेना ने कुछ जरूरी राय दी है, जिसको क्रियान्वित किया जाएगा। ट्रस्ट इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। ध्वजारोहण के दौरान किसी भी तरीके की चूक न हो यह सुनिश्चित किया जा रहा है। पैराशूट का कपड़ा काफी मजबूत होता है, इसलिए इसी कपड़े से ध्वज के निर्माण की राय आई है। सेना की टीम दो दिनों में रिपोर्ट बनाकर उन्हें सौंपेगी, जिसे वे पीएम मोदी को भेजेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास होगा कि इस साल के आखिर तक राम जन्मभूमि परिसर में सभी मंदिर खोल दिए जाएं, वाटिकाएं खुल जाएं और कुबेर टीला तक भी श्रद्धालु पहुंच सकें। यह जरूरी है कि कुछ जगहों पर सीमित संख्या में ही जाया जा सकता है। जैसे कुबेर टीला में श्रद्धालु सीमित संख्या में ही जा सकते हैं। मंदिर के प्रथम तल पर भी सीमित संख्या होगी। ट्रस्ट पूरी तरह से हर जिम्मेदारी से काम में जुटा हुआ है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द काम पूरा करके श्रद्धालुओं के समक्ष जा सकें कि जो निर्माण कार्य हमें विश्वास के साथ दिया है, वह पूरा हो गया है।

25 को केवल मेहमानों को मिलेगा रामलला का दर्शन :
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि 25 नवंबर के समारोह के दौरान सिर्फ आमंत्रित मेहमानों को दर्शन का मौका मिलेगा। इसमें लगभग आठ हजार लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम के समय मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं होगी। अगले दिन से श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाएगी। मिश्र ने कहा, क्या श्रद्धालु सभी क्षेत्रों में बिना सुरक्षा जांच के स्वतंत्र रूप से आ-जा सकेंगे, इस पर ट्रस्ट विचार कर रहा है। मेरा निरंतर प्रयास है कि यहां बनने वाली हर चीज श्रद्धालुओं को समर्पित हो।

परकोटा का निर्माण पूरा, म्यूरल का काम भी अंतिम चरण में :
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि परिसर के चारों ओर बन रहे 800 मीटर लंबे परकोटा का निर्माण का पूरा हो चुका है। रैंप बन कर तैयार हो गया है। इस दौरान चार से छह नए स्थान निकले हैं, जहां पर कांस्य के रामकथा आधारित म्यूरल लगाए जा रहे हैं। रेलिंग का काम भी चल रहा है। पांच नवंबर तक यह सभी काम भी पूरे हो जाएंगे।

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