नीलकंठ कावड़ संघ-2 का 145 श्रद्धालुओं का भव्य जत्था बाबा धाम के लिए रवाना

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I श्रद्धा, सेवा और समर्पण के भाव से ओतप्रोत नीलकंठ कावड़ संघ-2 का विशाल जत्था आज गुवाहाटी से बाबा बैद्यनाथ धाम की श्रावणी कावड़ यात्रा के लिए मंगलपूर्वक रवाना हुआ। सावन मास की पवित्र परंपरा और भक्ति को सजीव करते हुए लगभग 145 श्रद्धालुओं का यह जत्था न केवल असम, बल्कि राजस्थान, कोलकाता, दिल्ली, बनारस और जलपाईगुड़ी जैसे विविध क्षेत्रों से आए भक्तों को एक सूत्र में बांधता है।

संघ के संचालक मुरारीलाल चोपदार ने जानकारी दी कि इस वर्ष यह संघ अपनी 29वीं कावड़ यात्रा पूर्ण कर रहा है। श्रद्धालु 19 जुलाई को ब्रह्मपुत्र मेल द्वारा सुल्तानगंज के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। 20 जुलाई को वे सुल्तानगंज में गंगा जल भरकर देवघर की ओर पदयात्रा आरंभ करेंगे। 25 जुलाई को बाबा बैद्यनाथ तथा बाबा बासुकीनाथ को जल अर्पण किया जाएगा और 27 जुलाई को जत्था पुनः गुवाहाटी लौटेगा।

यह यात्रा भले ही कठिन हो, परंतु इसकी आध्यात्मिक महत्ता अत्यंत गहन है। छह दिवसीय इस पदयात्रा में श्रद्धालु प्रतिदिन 16 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे, जो कुल 105 किलोमीटर की दूरी होगी। मार्ग में पांच स्थानों पर रात्रि विश्राम की समुचित व्यवस्था की गई है। संघ के मंत्री शंकर बिड़ला ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी और व्यवस्थित यात्रा साबित हो रही है। इस वर्ष कांवड़ियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, वहीं देवघर क्षेत्र में हुई हालिया वर्षा ने यात्रा को और भी शीतल, मधुर और आध्यात्मिक बना दिया है।

यात्रा की सफलता में संघ के सक्रिय सदस्य संजीत धुत का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उन्होंने यात्रा की समस्त तैयारियों, व्यवस्थाओं और अनुशासन को बनाए रखने में निःस्वार्थ भाव से कार्य किया है। उनका समर्पण समूचे संघ के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।

संघ के संस्थापक सदस्य गणेशमल नाहटा का निरंतर सहयोग और आशीर्वाद संघ की आध्यात्मिक शक्ति का मूल आधार है। वे हर वर्ष अपने परिवार सहित इस यात्रा में सहभागी होकर न केवल पारिवारिक एकता और धार्मिक संस्कारों का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, बल्कि संघ की गरिमा को भी नई ऊंचाइयां प्रदान करते हैं। उनका यह योगदान भावी पीढ़ियों के लिए निश्चित ही प्रेरणास्पद है।

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