जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा माहेश्वरी भवन, अशोक वाटिका में हुआ भक्तिभाव का साक्षात दर्शन

थर्ड आई न्यूज़

गुवाहाटी । जय श्रीराम और जय हनुमान के घोषों से आज माहेश्वरी भवन का संपूर्ण वातावरण गूंज उठा, जब श्रीराम कथा के आठवें दिवस में भक्ति, समर्पण और अध्यात्म की भावधारा प्रवाहित हुई। पूज्य महंत श्री भरत शरण जी महाराज ने माता शबरी के प्रसंग से कथा का शुभारंभ करते हुए नवधा भक्ति का मर्म भक्तों को समझाया।

उन्होंने कहा कि जब माता शबरी ने प्रभु श्रीराम से भक्ति के स्वरूप को जानना चाहा, तब श्रीराम ने नवधा भक्ति के नौ सूत्रों को विस्तार से समझाते हुए बताया कि— संतों की संगति, प्रभु कथा में अनुराग, गुरु सेवा, गुणगान, मंत्रजप, इंद्रिय संयम, ईश्वरमय दृष्टिकोण, संतोष और सरलता—ये सभी मिलकर नवधा भक्ति को पूर्ण करते हैं। प्रभु ने शबरी को आशीर्वाद देते हुए उन्हें भक्ति का मूर्तिमान स्वरूप कहा और बताया कि वे युगों-युगों तक मानवता को भक्ति का आदर्श मार्ग दिखाती रहेंगी।

कथा में आगे, पंपा सरोवर, नारद मिलन तथा किष्किन्धाकांड के प्रवेश प्रसंगों को बड़े ही भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करते हुए महंत श्री ने भक्त हनुमानजी महाराज के प्रभु श्रीराम से प्रथम मिलन का भावविह्वल चित्र खींचा। उन्होंने बताया कि किस प्रकार जामवंत जी ने हनुमानजी को उनकी अंतरनिहित शक्ति का बोध कराया और राम कार्य के लिए समुद्र लांघने को प्रेरित किया। यह प्रेरणा जीवन का संदेश देती है कि प्रत्येक जीव में अपार शक्ति है, जिसे जागृत करने के लिए गुरु सम मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है।

भाव-भक्ति से सराबोर इस संध्या में अशोक वाटिका की झांकी को जीवंत रूप दिया गया। मंच को ही अशोक वाटिका के रूप में सुसज्जित किया गया, जहां माता सीता के दर्शन और हनुमानजी की सेवा, फल-फूल भेंट, कंदमूल ग्रहण, तथा लंका दहन के दृश्यों ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। जय श्रीराम के घोषों से पूरा सभागार गुंजायमान हो उठा। भक्तों ने हनुमानजी महाराज के चरण पखारकर अपनी भक्ति समर्पित की।

आज का दिन विशेष भी रहा क्योंकि यह पूज्य महंत श्री भरत शरण जी महाराज का जन्म दिवस था। इस पावन अवसर पर सीताराम बिहानी, रमेश चांडक सहित अनेक श्रद्धालुओं ने महाराज श्री का कमल पुष्पों व तुलसी माला से अभिनंदन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। व्यासपीठ पर उपस्थित होकर बाबूलाल सोनी, जुगल बुधिया, बनवारीलाल मुंदड़ा, दिलीप गगड़, संतोष तापड़िया, मनोज सोमानी, राजेश लुनावत, प्रदीप भुवालका, कमल बंसल सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आरती में भाग लिया और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया।

अंत में सचिव सुरेंद्र लाहोटी ने सभी भक्तों से निवेदन किया कि कल कथा का विश्राम दिवस है। सुबह 9 बजे से 12 बजे तक कथा के पश्चात पूर्णाहुति एवं महाप्रसाद का आयोजन होगा, जिसमें सभी श्रद्धालुओं से समय पर पधारने का आग्रह किया गया।

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