Online Gaming: पैसे वाले खेलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए ऑनलाइन गेमिंग विधेयक राज्यसभा से भी पारित, जानें अपडेट

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l संसद ने गुरुवार को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन व विनियमन विधेयक, 2025 पारित कर दिया। राज्यसभा ने हंगामे के बीच बिना बहस के इसे मंजूरी दे दी। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक का उद्देश्य ईस्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को छोड़कर सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाना है। विपक्षी सदस्यों की ओर से प्रस्तुत संशोधनों को अस्वीकार करने के बाद उच्च सदन ने इसे मंजूरी दे दी।

यह विधेयक बुधवार को लोकसभा और गुरुवार को राज्यसभा से पारित हो गया। इसमें ऑनलाइन मनी गेम्स से संबंधित विज्ञापनों पर भी रोक लगाने और बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को ऐसे किसी भी गेम के लिए धन की सुविधा प्रदान करने या हस्तांतरण करने से रोकने का प्रावधान है। ऑनलाइन मनी गेम्स में पैसा जमा करके मौद्रिक और अन्य पुरस्कार जीतने की उम्मीद की जाती है।

ऑनलाइन गेम्स के कारण लोगों को कितना नुकसान उठाना पड़ रहा?
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, संसद से पास किए गए बिल में पैसे के इस्तेमाल से खेली जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कही गई है। इन गेम्स के कारण बच्चों और युवाओं को इसकी लत लग जाती है। इसके अलावा उन्हें वित्तीय नुकसान भी होता और इस कारण आत्महत्याएं भी होती हैं। सरकार का अनुमान है कि लगभग 45 करोड़ लोग हर साल ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग में करीब 20,000 करोड़ रुपये गंवाते हैं। सूत्र के अनुसार, सरकार ने महसूस किया है कि ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग समाज के लिए एक बड़ी समस्या है और इसलिए केंद्र ने लोगों के लोगों की भलाई के लिए राजस्व हानि का जोखिम उठाने का भी फैसला किया है। सूत्र ने कहा, “एक मोटा अनुमान है कि हर साल 45 करोड़ लोग अपना पैसा गंवाते हैं। उन्हें इससे लगभग 20,000 करोड़ रुपये होने का कुल नुकसान होने का अनुमान है।”

ऑनलाइन गेमिंग पर विधेयक में दोषियों को सजा के प्रावधान क्या?
मसौदे के अनुसार, कानून का उल्लंघन करके ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति को तीन साल तक की कैद या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। ऐसी सेवाओं का विज्ञापन करने वालों को दो साल तक की जेल और/या ₹50 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। रीयल मनी गेम्स के लिए लेनदेन की सुविधा प्रदान करने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान भी तीन साल तक की जेल या ₹1 करोड़ के जुर्माने सहित दंड के लिए उत्तरदायी होंगे। बार-बार अपराध करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। इसमें तीन से पांच साल की जेल और अधिक जुर्माना शामिल है। हालांकि, यह विधेयक ऑनलाइन मनी गेम्स खेलने वालों को अपराधी नहीं मानता, बल्कि उन्हें पीड़ित मानता हैI

कोई गेम मनी गेम है या नहीं, कैसे तय होगा?
प्रस्तावित कानून में एक वैधानिक नियामक प्राधिकरण की स्थापना की भी बात कही गई है। इस प्राधिकरण के पास यह निर्धारित करने की शक्ति होगी कि कोई गेम ऑनलाइन मनी गेम के रूप में योग्य है या नहीं। सभी प्लेटफार्मों को प्राधिकरण की ओर से निर्धारित नियमों का पंजीकरण और पालन करना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *