वीर लचित सेना में ‘चिंतन-मनन’ की तैयारी, संगठन ने चंदा वसूली पर लगाई तत्काल रोक
थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी, 4 नवम्बर। हाल ही में कई सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद वीर लचित सेना के केंद्रीय समिति ने अपने संगठनात्मक ढांचे की व्यापक समीक्षा शुरू कर दी है। गुवाहाटी के जोरपुखुरी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय समिति के नेता श्रृंखल चलिहा ने कहा कि संगठन के नाम पर किसी भी प्रकार की धनराशि या चंदा वसूली अब पूरी तरह प्रतिबंधित है।
उन्होंने घोषणा की कि शीघ्र ही एक विशेष “चिंतन-मनन बैठक” आयोजित की जाएगी, जिसमें संगठन के भविष्य की रणनीतियों और नीतिगत निर्णयों पर विचार किया जाएगा। चलिहा ने कहा, “हमारे संगठन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम असमिया अस्मिता और स्वाभिमान की रक्षा के अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे।”
उन्होंने सरकार से गिरफ्तार सदस्यों की शीघ्र रिहाई की मांग की और स्पष्ट किया कि संगठन अब सदस्यता के लिए कड़े मानदंड अपनाएगा। “केवल तीन पीढ़ियों से असमिया मूल के लोग ही वीर लचित सेना में शामिल हो सकेंगे,” उन्होंने कहा।
चलिहा ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा संगठन के नाम पर धन की मांग किए जाने की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस या केंद्रीय समिति को सूचित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि संगठन के नाम का दुरुपयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उधर, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने भी आज कहा कि सरकार वीर लचित सेना की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है। उन्होंने संकेत दिया कि यदि आवश्यकता हुई तो इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार किया जाएगा।
चलिहा ने कहा कि वीर लचित सेना हमेशा असम के स्वाभिमान और जनहित के लिए कार्य करती रही है और भविष्य में भी कानून के दायरे में रहकर अपने उद्देश्यों की प्राप्ति करेगी।

