Air Show : दुश्मनों को सीधा संदेश, चीन सीमा के पास गरजे राफेल-तेजस, गुवाहाटी में वायुसेना का रोमांचक हवाई प्रदर्शन
थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी I भारतीय सेना पाकिस्तानी सीमा से लेकर चीन से लगती अरुणाचल प्रदेश में ट्राई-सर्विसेज ड्रिल करने की तैयारी चल रही है, इन सबके बीच रविवार को गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के सीने पर राफेल, तेजस और सुखोई जैसे मॉडर्न फाइटर जेट ने अपनी गर्जना से दुश्मनों के सीने को दहलाया। भारतीय वायुसेना ने अपने 93वें स्थापना दिवस समारोहों के क्रम में रविवार को गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर एक शानदार हवाई प्रदर्शन किया। यह ऐतिहासिक अवसर असम की धरती पर पहली बार मनाया गया, जिसने पूर्वोत्तर भारत के गौरव में एक नया अध्याय जोड़ा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य थे। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, पूर्वी वायु कमान के एओसी-इन-सी एयर मार्शल सुरत सिंह, वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य सरकार के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
इस वर्ष वायुसेना दिवस का विषय था, अचूक, अभेद्य व सटीक। लाचित घाट के ऊपर हुए इस रोमांचक फ्लाइंग डिस्प्ले में लड़ाकू विमानों, परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों की अद्भुत संगति देखने को मिली। गुवाहाटी के आसमान को रंगों से भरते हुए वायुसेना के विभिन्न विमानों ने अपनी शक्ति और सटीकता का प्रदर्शन किया। मुख्य आकर्षण रहे, तेजस (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट), अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हॉक जेट्स, जो आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रीय शक्ति की दिशा में वायुसेना की प्रगति का प्रतीक हैं। हार्वर्ड, सुखोई-30 और राफेल विमानों की सांसें थमा देने वाली लो-लेवल एरोबेटिक्स ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का समापन सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम और सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम के शानदार तालमेल भरे प्रदर्शन के साथ हुआ, जिसने पूरे दर्शक वर्ग को रोमांचित कर दिया।
यह हवाई प्रदर्शन गुवाहाटी और पूर्वोत्तर भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। वायुसेना के जवानों की अनुशासन, साहस और उत्कृष्ट समन्वय ने युवा दर्शकों में गर्व और देशसेवा की भावना को प्रबल किया, जिससे अनेक युवाओं ने भारतीय वायुसेना में करियर बनाने की प्रेरणा ली।

