Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले जारी, इस्कॉन के दुनियाभर के मंदिरों में हुई विशेष प्रार्थना
थर्ड आई न्यूज
कोलकाता I बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं, बौद्ध और जैन समुदाय पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब इन हमलों के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। चिन्मय कृष्ण दास प्रभु समेत इस्कॉन से जुड़े चार ब्रह्मचारियों को भी बांग्लादेश की सरकार ने गिरफ्तार कर लिया है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और उनकी सुरक्षा के लिए दुनिया भर के इस्कॉन मंदिरों में रविवार को विशेष प्रार्थना आयोजित की गई।
इस्कॉन की प्रशासनिक निकाय बांग्लादेश के इस्कॉन के संपर्क में :
बांग्लादेश मुद्दे पर इस्कॉन की गवर्निंग बॉडी के कमिश्नर गौरांग दास ने कहा कि, ‘जो कीर्तन हम हर रविवार को आयोजित करते हैं, वह आज बांग्लादेश के सभी भक्तों और हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए किया गया। साथ ही भारत के नेतृत्व, बांग्लादेश में हिंदुओं के नेतृत्व के लिए विशेष कीर्तन किया गया। इस्कॉन और इस्कॉन की गवर्निंग बॉडी एक दूसरे के संपर्क में हैं। बांग्लादेश में मौजूद भारत के उच्चायुक्त भी हालात बेहतर करने के लिए सभी के संपर्क में हैं और मिलकर काम कर रहे हैं।’
इस्कॉन के दुनियाभर के मंदिरों में आयोजित की गई विशेष प्रार्थना :
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन ने बताया कि ‘अब तक बांग्लादेश में 4 इस्कॉन ब्रह्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो चिन्मय दास प्रभु को दवा देने गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। चिन्मय दास के सचिव को भी गिरफ्तार किया गया है। पहले एक मंदिर बंद कर दिया गया था, कल एक और मंदिर नष्ट कर दिया गया। उन्होंने गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं बताया है। सभी इस्कॉन स्वयंसेवक आज असहाय महसूस कर रहे हैं। हमारे 150 देशों में मंदिर हैं, 850 बड़े मंदिर, एक हजार से अधिक सेंटर्स और करोड़ों इस्कॉन भक्त बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।’
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का हो रहा विरोध :
26 नवंबर को बांग्लादेश के सनातनी जागरण जोत संगठन के प्रवक्ता और पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिसे लेकर बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार की खूब आलोचना हुई। हालांकि गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेशी इस्कॉन ने चिन्मय कृष्ण दास प्रभु से दूरी बना ली है। बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग उठी थी, लेकिन बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने इससे इनकार कर दिया।
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसके खिलाफ बांग्लादेश के हिंदुओं ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया। ये विरोध प्रदर्शन सनातनी जागरण जोत संगठन के बैनर तले ही हुए, जिसके प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु हैं। बीते दिनों चटगांव में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ बांग्लादेश के राष्ट्रध्वज के अपमान के आरोप में राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी हुई थी। इस गिरफ्तारी के विरोध में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई, जिसमें एक वकील की मौत हो गई थी।