
राजस्थानी संस्कृति के श्रवण कुमार: शंकर बिड़ला और उनकी होली टोली
थर्ड आई न्यूज राजस्थानी भाषा और लोकसंस्कृति, जो समय के थपेड़ों से कमजोर पड़ती जा रही थी, आज भी जीवंत और उत्साहपूर्ण बनी हुई है तो उसके पीछे कुछ जुनूनी लोग हैं, जो इसे अपनी मातृभाषा के रूप में नहीं, बल्कि अपनी अस्मिता और अस्तित्व के रूप में देखते हैं। इन्हीं में से एक नाम…