देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है हनुमान जयंती, मोदी और योगी ने दी बधाई

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नई दिल्ली I हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन अंजनि पुत्र मारुति का जन्म हुआ था। मान्यता है कि केसरीनंदन की विधिवत पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं आज हनुमान जन्मोत्सव पर किस शुभ मुहूर्त और किस विधि से हनुमान जी की पूजा करें।

हनुमान जन्मोत्सव पर इन चीजों की करें खरीदारी :
वानर की प्रतिमा –
घर के लिए वानर की प्रतिमा खरीदें, जो हनुमान जी की वानर सेना की याद दिलाती है और शुभ प्रभाव डालती है।

तांबे का छोटा फरसा –
तांबे का फरसा घर लाकर वास्तु दोष दूर करें। इसकी आकृति त्रिशूल जैसी होती है।

हनुमान जी की गदा –
हनुमान जी का प्रिय अस्त्र गदा खरीदें और मंदिर में रखें, जिससे उनकी कृपा प्राप्त हो सकती है।

हनुमान जन्मोत्सव के दिन करें ये 3 कार्य :
राम नाम चढ़ाएं: पीपल के पत्ते पर चमेली तेल और सिंदूर से ‘राम’ नाम लिखकर हनुमान जी को चढ़ाएं।

आटे का दीपक जलाएं: बजरंगबली के सामने आटे का दीपक जलाएं, इससे कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।

पान का बीड़ा अर्पित करें: मंदिर में पूजा के बाद हनुमान जी को पान का बीड़ा अर्पित करें, जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को दी हनुमान जयंती की शुभकामनाएं :
देशवासियों को हनुमान जयंती की ढेरों शुभकामनाएं। संकटमोचन की कृपा से आप सभी का जीवन सदैव स्वस्थ, सुखी और संपन्न रहे, यही कामना है।

हनुमान जयंती पर महिलाएं पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखें :
हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे, इसलिए महिलाओं को उनके सामने सिर नहीं झुकाना चाहिए।

हनुमान जी की प्रतिमा पर महिलाओं को जल या वस्त्र अर्पित नहीं करना चाहिए।

हनुमान जी की पूजा में महिलाओं को सिंदूर अर्पित नहीं करना चाहिए।

महिलाओं को हनुमान जी के चरण नहीं छूने चाहिए।

हनुमान जी को कोई भी वस्तु अर्पित करते समय उसे उनके सामने रखना चाहिए।

क्या हैं हनुमान जी की नव निधियां :
हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों के साथ नव निधियों का भी दाता माना जाता है। ये नव निधियां- पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुक्ता, कुंद, नील और खर्व धन, वैभव और समृद्धि का प्रतीक हैं। इन निधियों में जल, पृथ्वी, आकाश और चेतना के तत्व समाहित हैं, जिन्हें हनुमान जी अपने भक्तों के लिए उपयोग करते हैं।

हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है मंगलवार और शनिवार को ?
हनुमान जी की पूजा मंगलवार को उनके जन्म और मंगल ग्रह से संबंधित होने के कारण शक्ति और साहस के लिए की जाती है, जबकि शनिवार को शनि दोष निवारण और शांति के लिए की जाती है, क्योंकि हनुमान जी शनि के भक्त माने जाते हैं।

हनुमान जी क्यों कहलाते हैं अष्ट सिद्धि के दाता?
हनुमान जयंती पर हम श्रीराम के परम भक्त और अष्ट सिद्धियों के स्वामी हनुमान जी की महिमा को याद करते हैं। उन्हें माता जानकी से अष्ट सिद्धियां और नव निधियां प्राप्त थीं, जिनकी शक्ति से उन्होंने असंभव कार्यों को संभव किया।

अणिमा: सूक्ष्म रूप धारण कर कहीं भी पहुंचने की क्षमता।

महिमा: अपना रूप विशाल करने की शक्ति।

गरिमा: भारी रूप धारण करने की क्षमता।

लघिमा: शरीर को हल्का कर गति बढ़ाने की शक्ति।

प्राप्ति: किसी भी वस्तु, जानकारी या स्थान की त्वरित प्राप्ति।

प्राकाम्य: जल, आकाश या पाताल में विचरण करने की क्षमता।

ईशित्व: नेतृत्व, नियंत्रण और पुनर्जीवन की शक्ति।

वशित्व: मन और इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएं :
श्री हनुमान जयंती की सभी श्रद्धालुओं एवं प्रदेश वासियों को मंगलमय शुभकामनाएं! प्रभु श्री राम के परम भक्त, संकटमोचन श्री हनुमान जी की कृपा सभी पर बनी रहे। बल, बुद्धि, विद्या के दाता भगवान महाबीर की कृपा से सभी के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि आए I

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