गुवाहाटी में मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन, पहलगाम आतंकी हमले में मृतकों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I कश्मीर के पहलगाम में हुए निर्मम आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए आज गुवाहाटी में मारवाड़ी समुदाय द्वारा एक भावुक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी सम्मेलन (पू.प्र.मा.स.) के निर्देशानुसार गुवाहाटी शाखा, कामरूप शाखा, महिला शाखा, ग्रेटर शाखा तथा मारवाड़ी महिला एकता मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रार्थना सभा में एक दर्जन से अधिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी ने मोमबत्तियाँ और दीपक जलाकर मृतकों के प्रति श्रद्धा निवेदित की और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति की कामना की।

प्रांतीय अध्यक्ष कैलाश काबरा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह एक जघन्य और धर्मविशेष को लक्षित कर की गई आतंकी वारदात है, जिसने समूचे राष्ट्र को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने समस्त समाज से आग्रह किया कि शुक्रवार को सभी नागरिक काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करें और अपने घर, प्रतिष्ठान या कार्यालय के बाहर एक दीपक जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दें।

श्री गौहाटी गौशाला के ट्रस्टी प्रदीप भडेच ने कहा कि यह हमला उग्रवाद के उस वीभत्स चेहरे को उजागर करता है, जिसमें धर्म के आधार पर चुन-चुन कर लोगों की हत्या की गई। उन्होंने इसे वहशीपन की पराकाष्ठा बताया।

बंधुत्व विकास समिति के संयोजक प्रदीप भुवालका ने प्रधानमंत्री से अपील की कि एक-एक आतंकवादी को ऐसा दंड दिया जाए जिससे कोई भी भविष्य में ऐसी हरकत करने का साहस न कर सके। उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ सरकार का समर्थन करने का आह्वान किया।

जीएमसी वार्ड नंबर 16 के पार्षद प्रमोद स्वामी ने इस घटना को कायरतापूर्ण बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता “चिंगारी का खेल बुरा होता है” का उल्लेख करते हुए आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी दी।

प्रार्थना सभा में भाग लेने वाले प्रमुख संगठनों में मारवाड़ी महिला एकता मंच, माहेश्वरी सभा गुवाहाटी, युवा भारती, नव्या लेडीज क्लब, मातृ पितृ सेवा परिवार, गुवाहाटी रियल्टर्स एसोसिएशन, श्रीराम उत्सव सेवक गण, बनवासी कल्याण आश्रम महिला समिति, अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन (मध्य गुवाहाटी शाखा) और माहेश्वरी महिला समिति सहित अनेक संस्थाएं शामिल थीं।

सभा का समापन एकजुटता, संवेदना और दृढ़ संकल्प के साथ हुआ — आतंकवाद के विरुद्ध खड़े होकर राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का संकल्प लिया गया।

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