500% टैरिफ जैसी धमकियों से नहीं डरता भारत, अमेरिका में घुसकर जयशंकर ने किया साफ, तेल तो रूस से ही लेंगे!

थर्ड आई न्यूज

वाशिंग्टन I टैरिफ का बुखार सिर्फ ट्रंप को नहीं बल्कि पूरे अमेरिका को चढ़ चुका है। इस समय यूएस कांग्रेस में एक ऐसी कोशिश को अंजाम देने के लिए तैयारियां हो चुकी हैं, जिसमें भारत पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा शामिल है। भारत जिस तरह से पिछले कई सालों से रूस से तेल खरीद रहा है। ये बात अमेरिका को बुरी तरह खटक रही है और यही कारण है कि भारत के खिलाफ जाकर इस समय यूएस कांग्रेस में इसके खिलाफ बिल लाया जा रहा है। बिल में प्रस्ताव है कि ऐसे देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाए जो रूस सके तेल खरीद रहे हैं। अब इसे लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से सवाल पूछा गया। जिसके जवाब में विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया कि अगर पुल तक पहुंचे तो पुल को पार भी करना पड़ेगा। यानी मतलब साफ है कि भारत अपने निजी हितों को ध्यान में रखते हुए ही फैसला करेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से तेल आयात पर अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 500 प्रतिशत प्रति बैरल टैरिफ बिल को लेकर कहा है कि भारत इस पर तब विचार करेगा जब ये स्थिति वास्तव में उत्पन्न होगी।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि नई दिल्ली अमेरिकी कांग्रेस में पेश किए गए तथाकथित रूस प्रतिबंध विधेयक से संबंधित चिंताओं पर अमेरिकी सांसदों के साथ बातचीत कर रही है। इस विधेयक में रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रावधान है, जो संभवतः चीन और भारत जैसे देशों को लक्षित करता है। हम सीनेटर लिंडसे ग्राहम के संपर्क में हैं। दूतावास, राजदूत संपर्क में हैं। जयशंकर ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हमारी चिंताएं और हित, विशेष रूप से ऊर्जा और सुरक्षा पर, उन्हें बता दिए गए हैं। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वे विधेयक के प्रभाव का मूल्यांकन तब करेंगे जब यह कार्यान्वयन योग्य हो जाएगा, उन्होंने प्रतीक्षा करो और देखो दृष्टिकोण का संकेत दिया।

जयशंकर का बयान ऐसे समय में आया जब अमेरिकी सांसदों ने रूस की ऊर्जा आय पर रोक लगाने के उद्देश्य से ये विधेयक प्रस्तुत किया है। जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत की प्राथमिकता उसकी ऊर्जा सुरक्षा है। उसके निर्णय पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों पर आधारित होते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो के बीच वार्ता के दौरान व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को प्रगाढ़ करने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हुई। जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता भी की। ये बैठकें क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर हुईं। मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद, जयशंकर और रुबियो की यह पहली बैठक थी। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि व्यापार, सुरक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, संपर्क और ऊर्जा सहित हमारी द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा की। क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर दृष्टिकोण साझा किए I

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *