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Donald Trump: भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर काफी करीब; 14 देशों पर नए टैरिफ की घोषणा के बीच ट्रंप का बयान

थर्ड आई न्यूज

वाशिंग्टन I अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौता करने के काफी करीब है। उन्होंने कहा कि हमने यूनाइटेड किंगडम के साथ सौदा किया है। हमने चीन के साथ सौदा किया है। इसके अलावा, हमने अन्य देशों से मुलाकात की है, लेकिन हमें नहीं लगता कि वे समझौता कर पाएंगे, इसलिए हमने उन्हें एक पत्र भेजा है। हम और भी देशों को पत्र भेज रहे हैं, जिसमें उन्हें बताया जा रहा है कि उन्हें कितना टैरिफ देना होगा। कुछ देश शायद थोड़ा सा समायोजन करें, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उनके पास कोई कारण है या नहीं। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में अनुचित व्यवहार नहीं करेंगे।

इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अमेरिकी टैरिफ के लिए 1 अगस्त की समय सीमा पर अडिग हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हां मैं दृढ़ हूं, लेकिन 100 प्रतिशत दृढ़ नहीं। अगर वे देश, जिनपर टैरिफ लगा है, फोन करते हैं और कहते हैं कि हम कुछ अलग तरीके से करना चाहते हैं, तो हम इसके लिए तैयार हैं।

बता दें ट्रंप का यह एलान 14 देशों पर नए टैरिफ के एलान के बीच आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान एवं दक्षिण कोरिया समेत सात देशों पर 25 से 40 फीसदी टैरिफ थोप दिया है। इस नए टैरिफ युद्ध में ट्रंप ने दोनों देशों से लगातार व्यापार असंतुलन का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। दरें एक अगस्त से प्रभावी होंगी। साथ ही ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त दस फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी भी दी है।

किस पर कितना टैरिफ :
देश का नाम प्रतिशत (%)
बांग्लादेश 35%
बोस्निया और हर्जेगोविना 30%
कंबोडिया 36%
इंडोनेशिया 32%
जापान 25%
कजाखिस्तान 25%
लाओस 40%
मलेशिया 25%
म्यांमार 40%
सर्बिया 35%
ट्यूनिशिया 25%
दक्षिण अफ्रीका 30%
दक्षिण कोरिया 25%
थाईलैंड 36%

ट्रंप ने दो अप्रैल को किया था टैरिफ का एलान :
राष्ट्रपति ट्रंप ने दो अप्रैल को दुनिया के अधिकांश देशों पर जवाबी टैरिफ लगाया था। भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया गया था। हालांकि बाद में इसे 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था ताकि सभी देश अमेरिका के साथ नए सिरे से व्यापार समझौता कर सकें। सभी देशों पर 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ बनाए रखा गया है। ट्रंप की 90 दिन की समयसीमा 9 जुलाई को खत्म हो रही है। भारत 26 फीसदी टैरिफ में पूरी छूट चाहता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फरवरी, 2025 की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौता के वार्ता आरंभ करने की घोषणा की थी। इसके लिए इस वर्ष सितंबर-अक्तूबर तक की समयसीमा तय की है। उससे पहले दोनों देश ट्रंप के टैरिफ से निपटने के लिए एक अंतरिम समझौते पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।

गोयल साफ कर चुके हैं, किसी भी सौदे में देशहित सबसे पहले :
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने चार जुलाई को कहा था कि भारत समयसीमा के दायरे में बंधकर किसी व्यापार समझौते में नहीं बंधेगा। वह किसी भी व्यापार समझौते को सिर्फ तभी स्वीकार करेगा जब यह अंतिम हो, सभी निष्कर्ष सही तरीके से निकाले गए हों और समझौता देश के हित में हो। मुक्त व्यापार समझौता तभी संभव है जब यह दोनों पक्षों के लिए लाभकारी हो। हमारे लिए देश हित सबसे पहले है। इसे ध्यान में रखकर कोई समझौता होता है तो भारत विकसित देशों के साथ समझौता करने के लिए हमेशा तैयार है।

भारत ने अबतक किसी देश के लिए नहीं खोला है कृषि क्षेत्र :
भारतीय व्यापार वार्ताकारों का दल अमेरिका गया था और पिछले सप्ताह ही वहां से लौटा था। सूत्रों का कहना है कि इस्पात, अल्युमिनियम (50 फीसदी) और ऑटो (25 फीसदी) पर टैरिफ को लेकर गतिरोध बना हुआ है। इसके अलावा कृषि और डेयरी क्षेत्रों में अमेरिकी उत्पादों को टैरिफ छूट न देने को लेकर भारत ने अपना रुख कड़ा किया हुआ है क्योंकि ये दोनों ही भारत में बेहद संवेदनशील मुद्दे हैं और करोड़ों किसानों की आजीविका इनसे जुड़ी है। दूसरे देशों को इन क्षेत्रों में प्रवेश का अवसर देना देश के किसानों के लिए विनाशकारी हो सकता है। भारत ने अब से पहले दुनिया के किसी भी देश के साथ किए व्यापार समझौते में अपना कृषि क्षेत्र नहीं खोला है।

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