आईआईटी, गुवाहाटी में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2024 शुरू, मुख्यमंत्री हिमंत व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया उद्घाटन
थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी ।आईआईटी गुवाहाटी में शनिवार से चार दिवसीय भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2024 (आईआईएसएफ) का शुभारंभ हुआ। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, सरकार के तत्वावधान में भारत के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) आईआईएसएफ के 10वें संस्करण के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा व केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
इस मौके पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विकसित भारत की कहानी विज्ञान की वर्णमाला में लिखी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत की उल्लेखनीय विकास की कहानी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में इसकी प्रगति में गहराई से निहित है। पिछले दशक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमने स्टार्ट-अप के उदय से लेकर जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और क्वांटम विज्ञान में क्रांतिकारी सफलताओं तक सभी क्षेत्रों में गहरा परिवर्तन देखा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो कभी विकास की परिधि पर था, आज विकास का एक चमकदार उदाहरण बन गया है, जो आर्थिक प्रगति और वैज्ञानिक नवाचार दोनों का प्रतीक है। जैसे-जैसे हम भारत 2047 की ओर बढ़ रहे हैं, युवाओं को सशक्त बनाना और नवाचार को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और बायोइकोनॉमी क्रांति जैसी पहल भारत को आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जा रही हैं, जिसका नेतृत्व युवा नवप्रवर्तक कर रहे हैं। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (आईएसटीआई) पोर्टल का शुभारंभ भी किया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि आईआईएसएफ 2024 वैज्ञानिक नवाचार और सहयोग में सामूहिक प्रयासों का उत्सव है। यह उत्सव प्रधानमंत्री के अटूट समर्थन के बिना संभव नहीं होता। आईआईएसएफ 2024 वैज्ञानिक नवाचार और सहयोग के एक भव्य उत्सव के रूप में खड़ा है, जिसमें विविध दर्शकों के लिए कई नवाचार शामिल हैं। यह चंद्रयान-2 जैसी भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है। इसमें एक विज्ञान प्रदर्शनी भी शामिल है, जो अत्याधुनिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पर प्रकाश डालती है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान के मामले में भारत शीर्ष 3 देशों में शुमार है। यह देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति का प्रमाण है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि यह उत्सव युवा वैज्ञानिकों के सम्मेलन, विज्ञान सफ़ारी और टिंकर लैब्स जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से विज्ञान की गतिशील खोज का वादा करता है, जिसका उद्देश्य छात्रों में जिज्ञासा जगाना और नवाचार को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि स्टीम में महिलाओं का जश्न मनाने वाली नारी शक्ति, वैश्विक भागीदारी को बढ़ावा देने वाली साइंस बियॉन्ड बॉर्डर्स और सागरिका और साइंस विलेज जैसी पहलों ने इस उत्सव को विशेष बनाया है। उनका कहना था कि भविष्य में हम नवाचार में एक वैश्विक नेता बनने के लिए तैयार हैं। कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री दासांगलू पुल और राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री केशब महंत के अलावा कई गाने मान्य लोग उपस्थित थे। मालूम हो कि 3 दिसंबर तक चलने वाले चार दिवसीय उत्सव का उद्देश्य विभिन्न समुदायों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना है। इस दौरान 8,000 से अधिक प्रतिनिधियों, शोधकर्ताओं और प्रमुख वैज्ञानिक संगठनों के साथ-साथ स्कूलों और कॉलेजों के 10,000 अतिरिक्त छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है। मालूम हो कि पूरे कार्यक्रम का प्रबंधन ट्राइडेंट एक्जीबिटर्स द्वारा किया गया, जिसकी पूरी व्यवस्था को सभी प्रदर्शकों, प्रतिभागियों, अतिथियों और आगंतुकों ने काफी सराहा।