असम की सियासी शतरंज पर AIMIM का बड़ा दांव, गठबंधन की अटकलों पर लगाया विराम, कहा- राज्य में नहीं उतारेगी उम्मीदवार
थर्ड आई न्यूज
हैदराबाद. असम की सियासत में चलने वाला अटकलों का दौर कई बार हकीकत से ज्यादा गरमा जाता है और एक ताजा मामला इसका बहुत बड़ा उदाहरण है. पिछले कुछ दिनों से इस बात की खूब चर्चा हो रही थी कि मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी अखिल भारतीय संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (AIUDF) और कांग्रेस असम में एक सीट बंटवारे के सूत्र पर चुनावी समझौते के लिए बातचीत कर रही है.
इस गठबंधन का मकसद असम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एक मजबूत विपक्षी मोर्चा तैयार करना बताया जा रहा था, जिससे राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ था, लेकिन, इन सभी अटकलों के बीच AIMIM ने एक बड़ा बयान जारी कर सियासी अटकलों पर विराम लगा दिया है.
AIMIM ने असम को लेकर दिया बड़ा बयान :
दरअसल, लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने मंगलवार (18 नवंबर, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में स्पष्ट किया है कि असम में AIMIM को लेकर मीडिया में कुछ अफवाहें उड़ रही हैं, लेकिन वह सभी पूरी तरह से बेबुनियाद और गलत हैं.
AIMIM ने साफ शब्दों में कहा कि न तो पार्टी ने असम में अपनी सियासी गतिविधियां शुरू करने का कोई फैसला किया है और न ही उसका राज्य की किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने का कोई इरादा है. यह ऐलान उन खबरों पर सीधा प्रहार है, जिनमें AIMIM को असम के सियासी समीकरण में शामिल किया जा रहा था.
AIMIM के बयान के बाद कांग्रेस और AIUDF की नजदीकी पर फोकस :
हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी AIMIM के इस ऐलान से असम की सियासत में कई सवालों के जवाब साफ तौर पर मिल गए हैं, लेकिन कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के बीच बढ़ती नजदीकी पर फोकस अब और तेज होगा. पार्टी का यह बयान इस बात को भी स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि AIMIM वर्तमान में सिर्फ अपने मौजूदा गढ़ों को मजबूत करने पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है, न कि नए राज्यों के राजनीतिक और चुनावी मैदान में उतरने पर.

