Assam Bypolls: सियासी चौसर पर सांसदों के रिश्तेदार भी ठोक रहे ताल, असम उपचुनाव के प्रत्याशियों में परिवारवाद..
थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी I परिवारवाद की राजनीति को लेकर भाजपा बेहद आक्रामक रहती है। इसी बीच यह दिलचस्प तथ्य सामने आया है कि भाजपा शासित पूर्वोत्तर भारतीय राज्य असम की कुछ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में ताल ठोक रहे प्रत्याशी किसी न किसी राजनीतिक दल से जुड़े हैं। चुनावी हलफनामे से पता लगता है कि कई सांसदों के रिश्तेदार चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में असम में होने वाला उपचुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है।
भाजपा-कांग्रेस वंशवाद को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर :
दरअसल, असम के उपचुनाव में ‘वंशवाद की राजनीति’ भी बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है। सत्ताधारी गठबंधन सरकार में शामिल पार्टियों के साथ-साथ विपक्षी दलों ने भी ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगाया है, जो राजनीतिक परिवारों से हैं। इसके बावजूद दोनों पक्ष वंशवाद को लेकर एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहते।
सभी सीटों पर 13 नवंबर को मतदान :
असम की बरपेटा लोकसभा सीच से सांसद फणी भूषण चौधरी की पत्नी दीप्तिमयी बोंगाईगांव से असम गण परिषद (AGP) की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी तरफ विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सामगुरी सीट से तंजील को प्रत्याशी बनाया है। तंजील धुबरी के सांसद रकीबुल हुसैन के बेटे हैं। बोंगाईगांव और सामगुरी के अलावा धोलाई, सिदली और
बेहाली में भी विधानसभा उपचुनाव होने हैं। सभी सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा। कांग्रेस सभी पांच सीटों पर ताल ठोक रही है, जबकि भाजपा ने तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। एक-एक सीट पर भाजपा के सहयोगी दल- एजीपी और यूपीपीएल के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।
चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे :
बता दें कि असम में उपचुनाव के नतीजे भी दो राज्यों- महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ ही 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। महाराष्ट्र में 20 नवंबर, जबकि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों- 13 और 20 नवंबर को मतदान कराए जाने हैं।