Sensex Closing Bell: बिकवाली के बाद पलटा बाजार; सेंसेक्स निचले स्तरों से 2000 अंक चढ़ा, निफ्टी 24750 के पार
थर्ड आई न्यूज
नई दिल्ली l हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन घरेलू शेयर बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव दिखा। शुरुआती कारोबार में गिरावट के बाद सेंसेक्स और निफ्टी बढ़त हासिल कर बंद हुए। सेंसेक्स दिन के निचले स्तरों से 2000 अंकों की बढ़त हासिल करने में सफल रहा। दूसरी ओर, निफ्टी भी 24750 का आंकड़ा पार कर गया। 30 शेयरों का बीएसई सेंसेक्स 843.16 अंक उछलकर 82,133.12 पर जबकि निफ्टी 219.60 अंक बढ़कर 24,768.30 पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे बढ़कर 84.79 (अनंतिम) पर बंद हुआ।
खुदरा महंगाई दर में नरमी आने और दूरसंचार शेयरों में खरीदारी से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुए। शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सूचकांक फिसलते दिखे, जैसे-जैसे दिन चढ़ा बाजार में रिकवरी आनी शुरू हो गई।
सुबह के कारोबार में 1,207.14 अंक की गिरावट के बाद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बाद में पूरी तरह उबर गया और 843.16 अंक या 1.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,133.12 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान यह 923.96 अंक या 1.13 प्रतिशत बढ़कर 82,213.92 अंक पर पहुंचा। एनएसई निफ्टी 219.60 अंक या 0.89 प्रतिशत चढ़कर 24,768.30 अंक पर बंद हुआ, जबकि दिनभर के कारोबार में इसमें 367.9 अंक की गिरावट आई थी।
सेंसेक्स की 30 शेयरों वाली कंपनियों में भारती एयरटेल, आईटीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाइटन, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और पावर ग्रिड सर्वाधिक लाभ में रहीं। टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील और बजाज फिनसर्व पिछड़ गए।
खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई और यह मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में कमी के कारण रिजर्व बैंक के आरामदायक स्तर पर आ गई, जिससे फरवरी में नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में केंद्रीय बैंक की दर निर्धारण समिति की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनी।
खुदरा महंगाई दर में आई नरमी का बाजार पर सकारात्मक असर :
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित हेडलाइन मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत और नवंबर 2023 में 5.55 प्रतिशत थी। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर अक्टूबर 2024 में सालाना आधार पर धीमी होकर 3.5 प्रतिशत रह गई, जिसका मुख्य कारण खनन, बिजली और विनिर्माण का खराब प्रदर्शन है।
जानकारों के अनुसार, “घरेलू बाजार ने दिन के निचले स्तर से तेजी से वापसी की और सूचकांक दिग्गजों के नेतृत्व में समेकन पथ से बाहर निकल गया। खाद्य मुद्रास्फीति में धीरे-धीरे कमी और एफएमसीजी कंपनियों द्वारा मूल्य वृद्धि, साथ ही मूल्यांकन में हाल ही में सुधार ने इस क्षेत्र को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद की। वर्तमान में, बाजार त्योहारी सीजन और साल के अंत की छुट्टियों के कारण उपभोक्ता खर्च में सुधार की उम्मीद कर रहा है, जिससे भावनाओं को बल मिल रहा है।”
अमेरिका में खर्च बढ़ने की उम्मीद से आईटी क्षेत्र को मिला बढ़ावा :
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “इसके अतिरिक्त, अमेरिका में खर्च में वृद्धि की उम्मीद से आईटी क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है।” एशियाई बाजारों में टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट रही जबकि सियोल में तेजी रही। यूरोप के बजारों में तेजी देखी गई। गुरुवार को वॉल स्ट्रीट नकारात्मक दायरे में बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,560.01 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.54 प्रतिशत बढ़कर 73.77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 236.18 अंक या 0.29 प्रतिशत गिरकर 81,289.96 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 93.10 अंक या 0.38 प्रतिशत गिरकर 24,548.70 अंक पर बंद हुआ था।
सेबी ने खुदरा निवेशकों के लिए एल्गो ट्रेडिंग पर लोगों की राय मांगी :
बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को एक मसौदा परिपत्र जारी किया, जिसमें खुदरा निवेशकों को एल्गोरिथम (एल्गो) ट्रेडिंग में भाग लेने की अनुमति देने के अपने प्रस्ताव पर जनता की राय मांगी गई है। एल्गो ट्रेडिंग में समयबद्ध और प्रोग्राम्ड ऑर्डर निष्पादन का लाभ मिलता है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अनुसार, इन प्रावधानों से खुदरा निवेशकों की कमी पूरी होने की उम्मीद है जो पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ एल्गो का उपयोग करके व्यापार कर सकेंगे। बाजार की दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, सेबी ने डायरेक्ट मार्केट एक्सेस (डीएमए) सुविधा के माध्यम से एल्गो ट्रेडिंग की शुरुआत की है, जिसने तेजी से ऑर्डर निष्पादन जैसे महत्वपूर्ण लाभ प्रदान किए है। हालांकि, इन सुविधाओं तक पहुंच संस्थागत निवेशकों तक ही सीमित थी। सेबी ने कहा कि वह 2012 से इस डोमेन को सक्रिय रूप से विनियमित कर रहा है।
एल्गो ट्रेडिंग की विकसित होती प्रकृति, विशेष रूप से खुदरा निवेशकों की ओर से एल्गो ट्रेडिंग की बढ़ती मांग के साथ, नियामक ढांचे की आगे की समीक्षा और बदलाव की आवश्यकता है ताकि खुदरा निवेशक उचित जांच और संतुलन के साथ एल्गो ट्रेडिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल कर सकें। आम लोगों से इस मसले पर टिप्पणियां या सुझाव 03 जनवरी, 2025 मांगे गए हैं।