Nitish Reddy: नीतीश ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय, पिता के सामने पूरे किए 100 रन

थर्ड आई न्यूज

मेलबर्न I नीतीश रेड्डी ने मेलबर्न में जारी बॉक्सिंग डे टेस्ट में शतक जड़ दिया है। उन्होंने 171 गेंद में बोलैंड की गेंद पर चौका लगाकर शतक लगाया। यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक है। उन्होंने टेस्ट में पहली बार पचास से ज्यादा रन बनाए और उस पारी को शतक में बदल दिया। नीतीश इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बन गए हैं। उनसे आगे सिर्फ सचिन तेंदुलकर और ऋषभ पंत हैं। नीतीश के लिए यह शतक इसलिए भी खास है क्योंकि उनके पिता मुतयाला रेड्डी दर्शक दीर्घा में मौजूद रहे और यह मैच देख रहे थे। अपने पिता के सामने शतक लगाने के बाद नीतीश भावुक भी हो गए।

नीतीश से ऊपर बस सचिन और पंत :
नीतीश ने 21 साल 216 दिन की उम्र में ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाया। सचिन ने 1992 में सिडनी में 18 साल 253 दिन की उम्र में शतक जड़ा था। वहीं, पंत ने 2019 में सिडनी में 21 साल और 91 दिन की उम्र में शतक बनाया था। इसके बाद नीतीश का नंबर आता है। वहीं, चौथे स्थान पर दत्तू फडकर हैं। उन्होंने एडिलेड में 1948 में 22 साल और 42 दिन की उम्र में शतक बनाया था।

रोमांचक अंदाज में पूरा किया शतक :
भारतीय पारी के 114वें ओवर में नीतीश 99 के स्कोर पर नॉन स्ट्राइकर एंड पर थे। जसप्रीत बुमराह स्ट्राइक पर थे। पैट कमिंस इस ओवर में गेंदबाजी कर रहे थे। ओवर की तीसरी गेंद पर कमिंस ने बुमराह को स्लिप में कैच कराया और नौवां झटका दिया। इसके बाद सिराज आए तो भारतीय फैंस डर गए थे कि क्या वह कमिंस की अगली तीन गेंद को बचा ले जाएंगे। सिराज ने बखूबी डिफेंस किया और फिर अगले ओवर में नीतीश को स्ट्राइक मिला। नीतीश ने इसके बाद इतिहास रच दिया।

इस मामले में तीसरे बल्लेबाज :
नीतीश इस पारी में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। इससे पहले ऐसा सिर्फ दो बार हुआ है जब टेस्ट में आठ या इससे नीचे के क्रम पर बल्लेबाजी करने वाले नीतीश से युवा खिलाड़ी ने शतक बनाया हो। बांग्लादेश के अबुल हसन ने 20 साल 108 दिन की उम्र में और भारत के अजय रात्रा ने 20 साल 150 दिन की उम्र में ऐसा किया था।

नीतीश ने खास अंदाज में मनाया जश्न :
नीतीश ने शतक लगाने के बाद एक खास अंदाज में जश्न मनाया। वह घुटने के बल बैठ गए और हेल्मेट को बैट के हैंडल पर टांग और एक हाथ आसमान की ओर दिखाया। इस दौरान उनकी आंखें बंद थीं। अर्धशतक लगाने के बाद भी नीतीश ने खास जश्न मनाया था। उन्होंने फिल्म ‘पुष्पा’ के चर्चित ‘झुकेगा नहीं’ अंदाज में जश्न मनाया था। अल्लू अर्जुन के अंदाज को उन्होंने बैट से दर्शाया था। नीतीश वाकई ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने झुके नहीं और उनका डटकर सामना किया। इस दौरान उनके शरीर पर गेंद भी लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की खोज नीतीश रेड्डी :
नीतीश इस ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की खोज रहे हैं और उन्होंने क्या शानदार बल्लेबाजी की है। सिर्फ बल्ले से ही नहीं, गेंद से भी उनका प्रदर्शन ठीक ठाक रहा है। उन्होंने तीन विकेट भी लिए हैं। मेलबर्न टेस्ट से पहले भी नीतीश ने अच्छी बल्लेबाजी की थी, लेकिन अर्धशतक से चूक गए थे, लेकिन मेलबर्न में उन्होंने पचास रन भी पूरे किए और उसे शतक में भी बदला। मेलबर्न में जब नीतीश बल्लेबाजी के लिए उतरे तो भारत का स्कोर छह विकेट पर 191 रन था। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और पहले टीम को 275 रन तक पहुंचाकर भारत को फॉलोऑन से बचाया, फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीड कम की।

नीतीश की तकनीक न सिर्फ तेज गेंदबाजों के खिलाफ बल्कि स्पिनर्स के खिलाफ भी सॉलिड दिखी है। वह भारत के नए स्टार बनकर उभरे हैं। महज 21 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया जाकर उछाल भरी पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों को मैच्योरिटी के साथ खेलकर उन्होंने बताया है कि आगे आने वाले समय में वह हर चुनौती के लिए तैयार हैं। नीतीश इस दौरे पर अपनी छह पारियों में से चार पारियों में भारत के लिए शीर्ष स्कोरर रहे हैं। उनके मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए माना जा रहा है कि भारत को टेस्ट क्रिकेट में हार्दिक पांड्या का विकल्प मिल गया है।

नीतीश को इसी सीरीज में डेब्यू का मौका मिला था :
नीतीश रेड्डी को इसी सीरीज में भारत के लिए लाल गेंद प्रारूप में डेब्यू का मौका मिला। उन्होंने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और अपने प्रदर्शन से अलग पहचान स्थापित की। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में इस 21 वर्षीय बल्लेबाज ने 41 और 38* रन बनाए। वहीं, एडिलेड में खेले गए दूसरे मुकाबले में उन्होंने दोनों पारियों में 42-42 रन बनाए। गाबा में तीसरे टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 16 रन बनाए थे, जबकि दूसरी पारी मे उनकी बल्लेबाजी नहीं आई थी। अब मेलबर्न में अर्धशतक लगाकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वह बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आने को भी तैयार हैं। नीतीश फिलहाल मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। वह अब तक छह पारियों में 71 की औसत से 284 रन बना चुके हैं।

नीतीश ने कंगारू गेंदबाजों की जमकर धुनाई की :
एकतरफ विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज भारतीय बल्लेबाज इस पिच पर रन के लिए जूझते दिखे, वहीं नीतीश ने पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क, नाथन लियोन और स्कॉट बोलैंड जैसे गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। उन्होंने नौवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे वॉशिंगटन सुंदर के साथ आठवें विकेट के लिए 127 रन की साझेदारी निभाई। यह ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आठवें या इससे नीचे के विकेट के लिए भारत की ओर से दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले 2008 में सचिन ने हरभजन सिंह के साथ 129 रन की साझेदारी निभाई थी। यह 2009 के बाद से ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आठवें विकेट या उससे कम विकेट के लिए सबसे लंबी साझेदारी है।

नीतीश 105 रन बनाकर नाबाद :
ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट की एक ही पारी में भारत के आठवें और नौवें नंबर के बल्लेबाज द्वारा 50+ स्कोर बनाने का यह केवल दूसरी घटना है। पहली बार ऐसा 2008 में हुआ था। तब एडिलेड में अनिल कुंबले (87) और हरभजन (63) ने 50+ का स्कोर बनाया था। सुंदर और नीतीश दोनों ने 150-150 गेंद खेलीं। टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी टीम के आठवें और नौवें नंबर के बल्लेबाज ने 150+ गेंदें खेली हों। दोनों ने संयुक्त रूप से 285 गेंदें खेलीं यानी करीब 48 ओवर बल्लेबाजी की। सुंदर 162 गेंद में एक चौके की मदद से 50 रन बनाकर आउट हुए। इससे पहले यशस्वी जायसवाल 82 रन, रोहित शर्मा तीन, केएल राहुल 24 रन, विराट कोहली 36 रन और ऋषभ पंत 28 रन और रवींद्र जडेजा 17 रन बनाकर आउट हुए थे। जसप्रीत बुमराह और आकाश दीप खाता नहीं खोल सके। भारत ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक नौ विकेट गंवाकर 358 रन बना लिए हैं और ऑस्ट्रेलिया से 116 रन पीछे है। नीतीश फिलहाल 105 रन बनाकर नाबाद हैं। उन्होंने 176 गेंद की अपनी पारी में अब तक 10 चौके और एक छक्का लगाया है। मोहम्मद सिराज भी दो रन बनाकर नाबाद हैं।

नीतीश की कहानी :
नीतीश शुरुआती दिनों में इस खेल के प्रति गंभीर नहीं थे, लेकिन एक दिन उन्होंने आर्थिक तंगी से जूझ रहे अपने पिता की आंखों में आंसू देखे। बस इसके बाद उन्होंने कुछ करने की ठानते हुए इस खेल को अपना लिया। उन्होंने क्रिकेटर बनने के लिए खूब मेहनत की। उनकी यह मेहनत आईपीएल में रंग लाई और उन्हें पर्थ में भारत के लिए पहला टेस्ट खेलने का मौका मिला।

बीसीसीआई ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था जिसमें नीतीश ने बताया, ‘अगर ईमानदारी से कहूं तो जब मैं छोटा था तो क्रिकेट के प्रति गंभीर नहीं था। पिता ने मेरे लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। मेरी सफलता के पीछे उनका बहुत बड़ा त्याग छुपा है। हम लोग उस दौरान आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। मुझे लगा, मैं ऐसा नहीं हो सकता हूं, मेरे पिता त्याग कर रहे हैं और मैं सिर्फ मजे के लिए क्रिकेट खेल रहा हूं। उस समय मैं क्रिकेट के प्रति गंभीर हुआ और खूब मेहनत की। इसके बाद मैं सफलता की सीढि़यां चढ़ता गया। एक मध्यम वर्गीय परिवार से होने के नाते, मुझे गर्व है कि मैं अपने पिता को खुश कर पाया। मैंने जब अपनी पहली जर्सी अपने पिता को दी तो उनके चेहरे पर खुशी देखते बनती थी।’

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