जैन मुनि प्रखर सागर जी का विरोध, अल्फा स्वाधीन की चेतावनी – किसी भी नंगे व्यक्ति के असम में प्रवेश पर लगाई जाए रोक

थर्ड आई न्यूज
जोरहाट से नीरज खंडेलवाल
जोरहाट में जैन धर्म के गुरु 1008 मुनि प्रखर सागर की पदयात्रा को लेकर उपजे विवाद के बाद स्थानीय संगठनों के कुछ नेताओं की गिरफ्तारी पर प्रतिबंधित संगठन अल्फा स्वाधीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। संगठन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर असमिया युवकों की तत्काल रिहाई की मांग की और राज्य में किसी भी नग्न संत के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात कही।
विवाद की पृष्ठभूमि :
29 जनवरी को स्थानीय श्री दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में जैन मुनि प्रखर सागर के स्वागत में एक पदयात्रा आयोजित की गई थी। मुनि जी डीमापुर से विहार करते हुए जोरहाट पहुंचे, जहां उनकी नग्न अवस्था को लेकर कुछ स्थानीय संगठनों ने विरोध दर्ज कराया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
अल्फा स्वाधीन की प्रतिक्रिया :
अल्फा स्वाधीन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए असमिया युवकों को शीघ्र रिहा किया जाए। इसके अलावा, संगठन ने मांग की कि असम में किसी भी नग्न संत को प्रवेश न दिया जाए, और कामाख्या मंदिर में आयोजित अंबुवाची मेले में भी नग्न बाबाओं के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो मारवाड़ी समाज को अन्य स्थानों पर इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
स्थानीय संगठनों का विरोध प्रदर्शन :
इस मामले में कई स्थानीय संगठनों, वीर लाचित सेना और असम सेना सहित अन्य ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इन संगठनों ने जिला उपायुक्त कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया और अपनी मांगें रखीं। बाद में प्रदर्शनकारियों ने श्री दिगंबर जैन मंदिर की ओर कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें निर्मल चरली क्षेत्र में ही रोक दिया। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने जैन मंदिर परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी।
प्रखर सागर जी का महत्त्व :
मुनि 1008 प्रखर सागर जैन धर्म के एक प्रतिष्ठित संत हैं और उनके अनुयायी बड़ी संख्या में हैं। उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए जैन समाज द्वारा यह पदयात्रा आयोजित की गई थी। हालांकि, स्थानीय संगठनों के विरोध के कारण यह कार्यक्रम विवादों में आ गया।