Sensex Closing Bell: ‘टैरिफ’ के नुकसान की बाजार में कुछ हद तक भरपाई; सेंसेक्स 1089 अंक चढ़ा, निफ्टी 22500 पार

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I घरेलू शेयर बाजार ने सोमवार को हुए भारी नुकसान में थोड़ी भरपाई मंगलवार को कर ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ के एलान के बाद दुनियाभर के बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट दिखी थी। हालांकि, मंगलवार को वैश्विक बाजार में सकारात्मक रुख दिखा। घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को एक दिन पहले 10 महीने में सबसे बुरी गिरावट आई थी।

मंगलवार को एशियाई और यूरोपीय बाजारों में तेजी के बीच चौतरफा खरीदारी से सेंसेक्स 1,089 अंक ऊपर चढ़कर बंद हुआ। लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में रुपया डॉलर के मुकाबले 50 पैसे की गिरावट के साथ 86.26 रुपये (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ। पिछले तीन में महीने में यह रुपये में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।

बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स तीन दिन की गिरावट पर विराम लगाते हुए 1,089.18 अंक या 1.49 प्रतिशत उछलकर 74,227.08 अंक पर बंद हुआ। इसके 29 शेयर लाभ में रहे। कारोबार के दौरान यह 1,721.49 अंक या 2.35 प्रतिशत चढ़कर 74,859.39 अंक पर पहुंच गया।

एनएसई निफ्टी 374.25 अंक या 1.69 प्रतिशत बढ़कर 22,535.85 पर पहुंच गया, जिससे तीन दिन से जारी गिरावट थम गई। कारोबार के दौरान बेंचमार्क 535.6 अंक या 2.41 प्रतिशत बढ़कर 22,697.20 पर पहुंच गया।

सोमवार को सेंसेक्स 2,226.79 अंक या 2.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ था। निफ्टी में 742.85 अंक या 3.24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। यह 10 महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी। अमेरिकी टैरिफ युद्ध के बाद मंदी की आशंकाओं के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई थी।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “सकारात्मक वैश्विक बाजार संकेतों ने स्थानीय बेंचमार्क में भारी सुधार में मदद की, क्योंकि अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर चिंताएं थोड़ी कम हो गईं। उम्मीद है कि अधिकांश देश चुनौती से निपटने के तरीके खोज लेंगे। भारत मुख्य रूप से उपभोग-आधारित अर्थव्यवस्था है, इसलिए अमेरिकी शुल्क प्रभाव अन्य देशों की तुलना में देश को बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।”

पावर ग्रिड को छोड़कर सेंसेक्स की सभी कंपनियाँ बढ़त के साथ बंद हुईं। टाइटन, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टूब्रो, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स और जोमैटो में सबसे ज़्यादा बढ़त दर्ज की गई। सोमवार की गिरावट के बाद विश्व बाजारों में भी वापसी हुई।

एशियाई बाजारों में, टोक्यो का निक्केई 225 सूचकांक, हांगकांग का हैंग सेंग, शंघाई एसएसई कंपोजिट सूचकांक और दक्षिण कोरिया का कोस्पी सोमवार को तेज गिरावट के बाद सकारात्मक दायरे में बंद हुए। निक्केई 225 सूचकांक में 6 प्रतिशत की उछाल आई। यूरोपीय बाजारों में भी बढ़त दिखी। अमेरिकी बाजार सोमवार को ज्यादातर गिरावट के साथ ही बंद हुए थे।

बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 2.18 प्रतिशत तथा मिडकैप सूचकांक में 1.87 प्रतिशत की तेजी आई। बीएसई के सभी क्षेत्रीय सूचकांक बढ़त के साथ कारोबार करते बंद हुए।

तेल व गैस सूचकांक में सबसे अधिक 2.58 प्रतिशत की तेजी आई। उसके बाद उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (2.38 प्रतिशत), दूरसंचार (2.32 प्रतिशत), औद्योगिक (2.04 प्रतिशत), ऊर्जा (2.03 प्रतिशत), उपभोक्ता विवेकाधीन (2.02 प्रतिशत), टेक (1.97 प्रतिशत), स्वास्थ्य सेवा (1.94 प्रतिशत) और आईटी (1.77 प्रतिशत) का नंबर रहा। बीएसई में 3,093 शेयरों में तेजी आई, 871 में गिरावट आई और 119 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “कई देशों की अमेरिका के साथ द्विपक्षीय समझौते करने की रुचि के कारण सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते घरेलू बाजार में सुधार देखा गया।”

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 9,040.01 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 12,122.45 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.22 प्रतिशत बढ़कर 64.35 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में सोमवार को 10 महीने में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि निवेशकों में यह डर व्याप्त है कि पारस्परिक टैरिफ पर ट्रम्प की नीतियों से अमेरिका में मंदी और उच्च मुद्रास्फीति आ सकती है।

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