Pahalgam Attack: भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान की उड़ी नींद; खुद को बचाने के लिए चीन-रूस के कदमों में गिरा

थर्ड आई न्यूज
मॉस्को I पहलगाम में आतंकी हमले के बाद आतंकियों को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान की वैश्विक स्तर पर कड़ी आलोचना हो रही है। तमाम देशों के नेताओं ने आतंक से निपटने के लिए भारत के प्रति अपना समर्थन जताया है। वहीं इस हमले के बाद भारत के कड़े रुख और जवाबी एक्शन से पड़ोसी देश की नींद उड़ गई है। आतंकवाद के मुद्दे पर फंसे पाकिस्तान ने हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग की है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने जांच के लिए अपने पुराने दोस्त चीन का नाम लिया है।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती को दिए गए एक हालिया साक्षात्कार में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच में चीन और रूस की भागीदारी की बात की। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि रूस या चीन या यहां तक कि पश्चिमी देश इस संकट में बहुत ही सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। वे एक जांच दल भी गठित कर सकते हैं, जिसे जांच का काम सौंपा जाना चाहिए कि भारत झूठ बोल रहा हैं या सच। उन्होंने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय दल को इस बात का पता लगाने दें।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अंतरराष्ट्रीय जांच कराने का प्रस्ताव रखा है। इस बात के कुछ सबूत होने चाहिए कि पाकिस्तान इसमें शामिल है या इन लोगों को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त था। ये सिर्फ खोखले बयान और कुछ नहीं।
पाकिस्तानी मंत्री अपनी मनगढ़ंत कहानी को सही ढंग से बता भी नहीं पा रहे :
इस बीच, मॉस्को के एक स्वतंत्र अमेरिकी विश्लेषक एंड्रयू कोरिबको ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि जैसा कि पहले से ही उम्मीद थी, पाकिस्तान ने भारत के आरोपों का खंडन किया है। वहीं, उसके दो शीर्ष मंत्रियों ने हैरान करने वाले ऐसे दावे किए हैं जिससे वे खुद ही बेइज्जत हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसहाक डार ने टिप्पणी की कि 22 अप्रैल को जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम जिले में हमले करने वाले लोग स्वतंत्रता सेनानी हो सकते हैं। ऐसे में पर्यटकों का नरसंहार करना आतंकवाद का निर्विवाद कृत्य है। ऐसे में यह अनुमान लगाना कि अपराधी ‘स्वतंत्रता सेनानी हो सकते हैं’ यह दुनिया भर के सच्चे स्वतंत्रता सेनानियों को बदनाम करना है और चुपचाप आतंकवाद को उचित ठहराता है। वहीं, दूसरी ओर पहलगाम आतंकवादी हमले के बारे जो दूसरा दावा रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने किया जिसमें उन्होनें कहा कि ये ‘झूठा’ बयान हो सकता है। ऐसे में इसहाक डार और ख्वाजा आसिफ के बयानों को अगर देखें तो एक स्पष्ट विरोधाभास दिख रहा है। पहले पाकिस्तानी मंत्री ने जहां पहलगाम हमले को मंजूरी देते हुए अनुमान लगाया कि अपराधी स्वतंत्रता सेनानी हो सकते हैं, वहीं दूसरे ने हमले को दृढ़ता से अस्वीकार करते हुए इसका सारा दोष भारत पर मढ़ दिया। दोनों के बयानों से साफ पता चल रहा है कि पाकिस्तानी मंत्री अपनी मनगढ़ंत कहानी को सही ढंग से बता भी नहीं पा रहे हैं। यह दर्शाता है कि वे अपने पक्ष की मिलीभगत को छिपाने की अनाड़ी कोशिश कर रहे हैं।
भारत लगातार लगा रहा आरोप :
पहलगाम हमले को लेकर भारत लगातार पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है। भारत ने पाकिस्तान पर सिंधु जल संधि पर रोक समेत कई प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं पाकिस्तान हमले में संलिप्तता से इनकार कर रहा है। पाकिस्तान ने भारत के विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।
हमले में 26 पर्यटकों की हुई थी मौत :
बीती 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित लश्कर ए तैयबा के संगठन टीआरएफ के आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया। साथ ही पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध भी कम कर लिए हैं। भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को एक हफ्ते में देश छोड़ने का निर्देश दिया है। आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना भी अलर्ट पर है।