यह नया भारत है: पानी पर रोक,व्यापार प्रतिबंध से ऑपरेशन सिंदूर तक; भारत ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर दी शिकस्त

थर्ड आई न्यूज
नई दिल्ली I पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक कर भारत ने पहलगाम हमले के 15वें दिन बदला लिया है। हालांकि हमले के बाद से ही भारत लगातार पाकिस्तान की घेराबंदी करने में जुटा हुआ था। सिंधु जल संधि को निलंबित करने से लेकर आयात प्रतिबंध तक भारत ने कुछ ऐसे प्रमुख दंडात्मक कदम उठाए हैं जिससे पहले से ही रसातल में चल रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गई है। व्यापार, संचार, समुद्री पहुंच और हवाई क्षेत्र को निशाना बनाते हुए उठाए गए कदमों से पाकिस्तान को करारी आर्थिक चोट पहुंची है।
भारत ने कठोर कदम उठाते हुए पाकिस्तान से सभी तरह के आयात और निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 2 मई को इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी थी। इसमें वे वस्तुएं शामिल हैं जो तीसरे देशों के माध्यम से भेजी गई हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार का एक और रास्ता बंद हो गया है। इस कठोर कदम से दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार पर काफी असर पड़ेगा, जो पहले से ही बहुत कम है। भारत ने अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच पाकिस्तान को 1.18 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया, जबकि आयात केवल 28.8 लाख डॉलर था। भारत की तरफ से उठाए गए कदमों का असर पाकिस्तान की आम जनता का अपनी सरकार के प्रति नाराजगी के रूप में भी देखने को मिल रहा है।
सिंधु जल संधि निलंबित :
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सबसे पहली जवाबी कार्रवाई सिंधु जल संधि को निलंबित कर की थी। दोनों देशों के बीच चार युद्धों और दशकों से जारी सीमा पार आतंकवाद के बावजूद इस संधि को बरकरार रखा गया था। सिंधु नदी के जल पर पाकिस्तान की 70 फीसदी कृषि निर्भर करती है। कई शहरों के लिए पेयजल की आपूर्ति भी इस नदी से की जाती है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
सार्क वीजा छूट योजना की निरस्त :
भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) भी रद्द कर दिया है। पहलगाम हमले के एक दिन बाद हुई सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में यह फैसला किया गया था। बैठक के बाद सरकार ने घोषणा की थी कि पाकिस्तानी नागरिकों को अब सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस वीजा पर आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को सरकार ने 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश भी दिया था।
पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार का निष्कासन :
भारत ने 24 अप्रैल को पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को भी अवांछित घोषित कर दिया था और उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने को कहा था। सरकार ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने की घोषणा भी की थी। भारत ने इन पदों को निरस्त करने का भी एलान किया था।
डाक का आदान-प्रदान भी निलंबित :
व्यापार पर प्रतिबंध के साथ ही भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह के डाक सेवाओं के आदान-प्रदान को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में डाक विभाग ने हवाई और जमीनी मार्गों से दोनों देशों के बीच पत्र और पार्सल के आदान-प्रदान पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।
डिजिटल हमला :
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ डिजिटल हमला करते हुए 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया है, जो पहलगाम हमले को लेकर भ्रामक और भड़काऊ सामग्री प्रसारित कर रहे थे। प्रतिबंधित चैनलों के कुल सब्सक्राइबरों की संख्या 6.3 करोड़ से अधिक है। इसके अतिरिक्त, भारत ने पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के सोशल मीडिया अकाउंट पर रोक लगा दी है और उन पर भड़काऊ बयान देने और गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया है। इंस्टाग्राम ने भारत में कई पाकिस्तानी हस्तियों के अकाउंट ब्लॉक कर दिए हैं। इनमें फवाद खान, आतिफ असलम, मावरा होकेन और आबिदा परवीन शामिल हैं।
हवाई क्षेत्र बंद किया :
पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए भारत ने पाकिस्तान में पंजीकृत विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इसमें सैन्य विमानों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। पाकिस्तान ने भी अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया है।
नौ आतंकियों के घर ध्वस्त :
पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया। इसकी शुरुआत लश्कर-ए-ताइबा के आतंकवादी आदिल अहमद थोकर के घर से शुरू हुई, जिसके बारे में माना जाता है कि वह पहलगाम हमले में शामिल था। पुलवामा, बांदीपोरा और कुपवाड़ा में अन्य संदिग्धों के घरों को भी जमींदोज कर दिया गया।
अटारी-वाघा सीमा को बंद किया :
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कम अवधि की वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को 30 अप्रैल तक भारत छोड़कर चले जाने का समय दिया था। इस समय सीमा की समाप्ति के बाद 1 मई को भारत ने अटारी-वाघा सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया। 25 अप्रैल को अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट बंद होने के बाद से 780 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़कर जा चुके थे, जबकि भारतीय नागरिकों और दीर्घकालिक वीजा वाले पाकिस्तानियों सहित लगभग 1,560 लोग पैदल सीमा पार कर भारत आ चुके हैं।
पाकिस्तानी जहाजों के लिए भारतीय बंदरगाह बंद :
भारत ने पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के अपने बंदरगाह पर आने पर रोक लगा दी है। नौवहन महानिदेशालय (डीजीएस) की तरफ से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं जिसमें कहा गया है कि ये उपाय राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत के शिपिंग बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं।
उच्चायोग कर्मियों में कटौती :
पाकिस्तान के साथ कूटनीति जुड़ाव को करते हुए भारत ने राजनयिकों की संख्या में भी कटौती कर दी है। भारत ने पाकिस्तान स्थित उच्चायोग में अपने राजनयिक कर्मचारियों की कुल संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी है, जो 1 मई से प्रभावी हो गई है। पाकिस्तान को भी नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग में इसी तरह की कटौती करनी पड़ी है।