Budget 2025: क्या बजट में कर मुक्त आय का दायरा बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाएगा? मध्यम वर्ग को सरकार से है ये आस
थर्ड आई न्यूज
नई दिल्ली l केंद्रीय बजट 2025 नजदीक आ रहा है। महत्वपूर्ण कर सुधारों और आर्थिक राहत से जुड़े उपायों की उम्मीद भी बढ़ती जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को बजट करेंगी। मध्यम वर्ग इस बजट से अन्य प्रस्तावों के अलावा कर-मुक्त आय सीमा में इजाफे की उम्मीद कर रहा है। बजट से पहले कई संगठनों ने सरकार से इस बारे में फैसला लेने की अपील की है। ऐसे में सरकार बजट 2025 में इससे जुड़ा कोई बड़ा एलान कर दे तो, आश्चर्य नहीं होगा I
आरएसएस समर्थित बीएमएस ने की साहसिक सुधारों पर जोर देने की अपील की :
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने बजट पूर्व चर्चाओं के दौरान बड़े बदलावों की मांग की है। संगठन ने मौजूदा छूटों को बरकरार रखते हुए कर-मुक्त आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अतिरिक्त, बीएमएस ने सरकार से 8वें वेतन आयोग का गठन करने और पेंशनभोगियों को पेंशन पर आयकर से छूट देने का आग्रह किया। कई अन्य व्यापारिक संगठनों ने भी इस तरह की मांग की है।
क्या सरकार बजट 2025 में आयकर की सीमा बढ़ाने एलान करेगी?
जानकारों को उम्मीद है कि सरकार कर मुक्त आय की सीमा को बढ़ाने से जुड़ा एलान बजट 2025 में कर सकती है। अन्य प्रमुख मांगों में मनरेगा कार्यक्रम का विस्तार कर प्रति वर्ष प्रति परिवार 200 कार्यदिवस उपलब्ध कराना, कृषि और संबद्ध उद्योगों के लिए प्रोत्साहन पैकेज लागू करना और जीएसटी रिफंड में तेजी लाना शामिल है। बीएमएस ने चीनी आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एक व्यापक विनिर्माण रणनीति की आवश्यकता पर भी बल दिया।
पेंशनभोगियों और श्रमिक कल्याण से जुड़े किन उपायों रहेगी नजर?
बीएमएस ने ईपीएस-95 लाभार्थियों के लिए न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने की वकालत की है, तथा भविष्य में इसे सरकार के न्यूनतम वेतन के 50% के लक्ष्य के साथ परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (वीडीए) से जोड़ने की वकालत की है। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना का विस्तार ईपीएस-95 पेंशनभोगियों तक करने तथा सार्वभौमिक वृद्धावस्था पेंशन शुरू करने का भी सुझाव दिया। श्रमिक कल्याण में सुधार के लिए भी कई सिफारिश की गई है। इसमें ग्रेच्युटी की गणना को बढ़ाकर साल में 30 दिन करना, बीड़ी और ठेका श्रमिक बोर्ड जैसे औद्योगिक बोर्डों का वित्त पोषण करना और नई पेंशन योजना (एनपीएस) की तुलना में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को प्राथमिकता देना शामिल है।
सरकार से राहत मिलेगी या नहीं, 01 फरवरी को ही साफ होगी स्थिति :
केंद्रीय बजट आने में बस कुछ ही सप्ताह बचे हैं, मध्यम वर्ग और कर्मचारी समूह इन साहसिक प्रस्तावों पर सरकार की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अगर ये उपाय अपनाए जाते हैं, तो इनसे लोगों को पर्याप्त वित्तीय राहत मिल सकती है। ये उपाय भारत के आर्थिक ढांचे को मजबूत कर सकते हैं। बजट 2025 इन अपेक्षाओं को पूरा करेगा या नहीं, इस पर 01 फरवरी 2025 को ही स्थिति साफ होगी।