श्री मारवाड़ी हिंदी पुस्तकालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण एवं शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ

थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी। फैंसी बाजार स्थित श्री मारवाड़ी हिंदी पुस्तकालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण एक भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा और हवन से हुई, जिसका संयोजन लक्ष्मीपत बैद ने किया। इसके पश्चात नए भवन के लोकार्पण और शताब्दी वर्ष समारोह की औपचारिक घोषणा की गई। यह नया पुस्तकालय एमएस रोड स्थित सेंट्रल प्लाजा के तीसरे तल पर स्थित है।
समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुभाष सिकरिया ने कहा कि पुस्तकालय ज्ञान का मंदिर है और समाज के लोग हमेशा ऐसे मंदिरों के विकास में योगदान देते आए हैं। उन्होंने इस पुस्तकालय के सौ वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर गर्व प्रकट करते हुए इसे मारवाड़ी समाज की एक प्रतिष्ठित संस्था बताया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्री मारवाड़ी हिंदी पुस्तकालय ट्रस्ट के चेयरमैन आनंद पोद्दार ने कहा कि समाज के भामाशाहों की उदारता के कारण ही पुस्तकालय का विस्तार संभव हो पाया है। उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में भी यह सहयोग निरंतर मिलता रहेगा, जिससे पुस्तकालय और अधिक समृद्ध हो सके।
पुस्तकालय के अध्यक्ष विनोद रिंगानिया ने अपने संबोधन में बताया कि अगले तीन-चार वर्षों में पुस्तकालय को विद्यार्थी समाज से जोड़ने और इसे गुवाहाटी का प्रमुख बौद्धिक केंद्र बनाने की योजना है। इसके तहत विद्यार्थी-केंद्रित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज में विचार-विमर्श और चिंतन के लिए उपयुक्त मंच की कमी महसूस की जाती है, जिसे यह पुस्तकालय पूरा करने का प्रयास करेगा।
इस अवसर पर आशीष खाखोलिया के संयोजन में “अतीत के गौरव से वर्तमान के वैभव तक” शीर्षक से एक वृत्तचित्र प्रदर्शित किया गया, जिसमें पुस्तकालय के सौ वर्षों की यात्रा को संजोया गया था। इसे देखकर उपस्थित जन भावविभोर हो गए। इसके साथ ही सचिव एवं कार्यक्रम संयोजक सिद्धार्थ नवलगढ़िया द्वारा निर्मित पीपीटी “लीजेंड्स ऑफ असम” का भी प्रदर्शन किया गया।
समारोह में पुस्तकालय को सहयोग देने वाले सभी दानदाताओं, समाजसेवियों और ट्रस्टियों को असमिया गामोछा और स्मरणिका देकर सम्मानित किया गया। इस आयोजन का संचालन राज कुमार तिवाड़ी ने किया। इस समय पुस्तकालय ट्रस्ट में कुल 72 ट्रस्टी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
पुस्तकालय के परामर्शदाता एवं पूर्व अध्यक्ष अनिल जैना ने अपने अनुभव साझा किए, वहीं “शब्द संदेश” के भवन लोकार्पण विशेषांक का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर अंशु सारडा अन्वि ने पीपीटी की संकल्पना और लेखन किया, साथ ही “शब्द संदेश” का संपादन एवं कार्यक्रम का संचालन भी किया।
कार्यक्रम के अंत में ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी नारायण खाकोलिया ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अतिथियों को पुस्तकालय के साथ अपने लंबे जुड़ाव के बारे में बताया और विश्वास व्यक्त किया कि नए भवन में पुस्तकालय उत्तरोत्तर प्रगति करेगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक सियोटिया, ताराचंद ठोलिया, संतोष बैद, पुष्पा सोनी, कांता अग्रवाल सहित पुस्तकालय की पूरी कार्यकारिणी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।