India-Pakistan Ceasefire: पड़ोसी देश…इतिहास दागदार…विश्वास का संकट, पर भारत हमेशा दिखाता रहा बड़प्पन

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I बड़ा सवाल…क्या भरोसे लायक है पाकिस्तान…भारत हमेशा बड़प्पन दिखाता रहा है, मगर दहशतगर्दी को पालने-पोसने वाले पड़ोसी का पूरा इतिहास ही दागदार है। चरित्र धोखा देने वाला रहा है…संघर्ष विराम के बाद भी गोलाबारी करता रहा। पाकिस्तान सरकार पर सेना के प्रभुत्व के बीच बड़ा सवाल है कि यह संघर्ष विराम कितना लंबा चल पाएगा।

अस्तित्व के साथ ही धोखेबाजी :
भारत के बाद एक दिन के अंतराल में अस्तित्व में आने के बावजूद पाकिस्तान पहले दिन से ही उसने धोखा दिया। पाकिस्तान ने कबायली आतंकियों और सेना की मदद से कश्मीर पर कब्जा करने की कोशिश की। जंग शुरू हुई। यह तत्कालीन जम्मू और कश्मीर रियासत को लेकर नव स्वतंत्र राष्ट्र भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़ा था। इसे पहले कश्मीर युद्ध के नाम से भी जानते हैं। इसकी शुरुआत अक्तूबर 1947 में हुई जब पाकिस्तान समर्थित आदिवासी हमलावरों ने रियासत पर हमला किया। महाराजा हरि सिंह की ओर से जम्मू और कश्मीर के भारतीय संघ में विलय के बाद, भारत ने इस क्षेत्र की रक्षा के लिए अपनी सेना भेजी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच पूर्ण पैमाने पर संघर्ष हुआ। यह संघर्ष जनवरी 1949 तक जारी रहा, जब संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से युद्ध विराम लागू किया गया। इसके परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का विभाजन हुआ और दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) अस्तित्व में आई।

1965 : दूसरा युद्ध…पाकिस्तान ने कश्मीर में घुसपैठ कर अशांति फैलाने की हरकत की। 5 अगस्त, 1965 को कश्मीर को लेकर सशस्त्र संघर्ष शुरू हुआ। यह तब शुरू हुआ जब हजारों पाकिस्तानी सैनिकों ने स्थानीय उग्रवादियों के वेश में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। ऑपरेशन जिब्राल्टर के नाम से जाना जाने वाला यह गुप्त अभियान क्षेत्र को अस्थिर करने और स्थानीय स्तर पर उग्रवाद को भड़काने के उद्देश्य से चलाया गया था। भारत ने जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू की, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पूर्ण पैमाने पर लड़ाई में बदल गई। 23 सितंबर, 1965 तक युद्ध जारी रहा, जब दोनों पक्ष सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में युद्ध विराम पर सहमत हुए और 1966 में ताशकंद में समझौता हुआ।

बांग्लाभाषियों पर अत्याचार :
इतना ही नहीं, पूर्वी पाकिस्तान में जब बांग्लाभाषियों पर अत्याचार किए, तो बड़े पैमाने पर वहां से लोग भारत में शरण लेने लगे। पाकिस्तान ने इसका फायदा उठाकर 3 दिसंबर, 1971 को जंग छेड़ दी, इसमें भी उसे करारी शिकस्त मिली। इस युद्ध के बाद अलग बांग्लादेश नया राष्ट्र बना। इस समझौते के दस दिन बाद राजस्थान के नागी में भारतीय जमीन हड़प ली। 21 सैनिकों की शहादत के बाद जमीन छुड़वाई गई।

1999 : कारगिल युद्ध
भारत से लगातार हार के बाद पाकिस्तान ने छद्म युद्ध की रणनीति अपनाई। जम्मू-कश्मीर व पंजाब में आतंक को बढ़ावा दिया। इसके बाद साल 1999 में पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया। इन चोटियों को मुक्त कराने के लिए युद्ध हुआ। अमेरिका के दखल से संघर्षविराम हुआ।

उड़ी, पुलवामा और पहलगाम :
पाकिस्तान आतंकी हमले कराता रहा। 2008 में मुंबई हमले में शामिल रहा। 2016 में उड़ी में सैन्य अड्डे पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी क्षेत्र में सर्जिकल स्ट्राइक की।
2019 : पुलवामा हमला…पाकिस्तान ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला कराया। भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक से इसका जवाब दिया।
2025 : पहलगाम हमला…22 अप्रैल को पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों की नृशंस हत्या की। भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह किया। 10 मई को संघर्षविराम हुआ।

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